West Bengal By Election का रास्ता साफ़ हो गया है. चुनाव आयोग(EC) ने तारीखों की घोषणा कर दी है. 30 सितंबर को बंगाल समेत उड़ीसा में विधानसभा के उपचुनाव कराए जाएंगे. उपचुनाव के नतीजे 3 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
Election Commission of India has decided to hold a by-election in Bhabanipur Assembly Constituency (West Bengal) on 30th September. Polls will also be held in Samserganj and Jangipur of West Bengal and Pipli (Odisha) on the date. Counting on 3rd October. pic.twitter.com/NkD0rsc17I
— ANI (@ANI) September 4, 2021
उप चुनाव की घोषणा से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Mamta Banerjee) को थोड़ी राहत मिली है. क्योंकि ममता बनर्जी के लिए यह उपचुनाव बहुत ही जरूरी था.
मालूम हो कि मई में बंगाल में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए थे, जिसमें ममता बनर्जी को बीजेपी के प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी ने हरा दिया था.
शुभेंदु अधिकारी पहले तृणमूल कांग्रेस(TMC) में थे और चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हो गए थे. शुभेंदु अधिकारी को ममता बनर्जी का हितैषी माना जाता था.
शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को बंगाल के नंदीग्राम विधानसभा सीट से मई में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में लगभग आठ हजार मतों से पराजित किया था.
नंदीग्राम का चुनाव हारने के बाद ममता बनर्जी ने चुनाव में धांधली की शिकायत की थी और साथ ही कोलकाता उच्च न्यायालय(HC) में एक याचिका भी दायर की थी. इस याचिका का निपटारा अभी नहीं हुआ है.
विधानसभा चुनाव हार जाने के बाद ममता बनर्जी मुख्यमंत्री पद पर बिना चुनाव जीते अधिकतम 6 महीना तक ही रह सकती हैं. 6 महीना की सीमा संवैधानिक बाध्यता है.
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि ममता बनर्जी भवानीपुर(Bhabanipur) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकती हैं. क्योंकि भवानीपुर विधानसभा सीट से टीएमसी(TMC) के प्रत्याशी ने इस्तीफा दे दिया है जिस कारण इस सीट पर उपचुनाव कराए जाएंगे.
ममता बनर्जी के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का विषय है अगर वो यह उपचुनाव हार जाती हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है. इसलिए TMC और बीजेपी(BJP) दोनों ही इस चुनाव के लिए जी जान लगा देंगे.
अभी बंगाल में चुनाव पूर्व हिंसा की जांच की जा रही है जिसमें सीबीआई(CBI) ने कई लोगों पर मामला दर्ज किया है. चुनाव पूर्व हिंसा भी इस उपचुनाव में बड़ा मुद्दा हो सकता है.
वही ममता बनर्जी महंगाई और बंगाल बंगालियों के लिए का मुद्दा जोर-शोर से उठा सकती हैं.
वहीं दूसरी तरफ बंगाल में बीजेपी के विधायकों का TMC में शामिल होना जारी है. बंगाल बीजेपी अध्यक्ष ने इसे लेकर दल बदलू कानून के द्वारा पार्टी से बाहर गए विधायकों पर शिकंजा कसने की बात कही है.