UP Corona Death Relief Row: उत्तर प्रदेश में कोविड-19 से हुई मौतों की संख्या पर गरमाई राजनीति, सरकार ने कहा मौतों की संख्या 23512 लेकिन 39 हजार से भी अधिक लोगों को दिए गए मुआवजे, विपक्ष ने आंकड़ों पर उठाए सवाल, सदन से किया वाकआउट
उत्तर प्रदेश में corona से हुई मौतों (UP Corona Death Relief Row) को लेकर एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है. सरकारी आंकड़ों में जो मौतों की संख्या बताई गई है और जिन लोगों को मुआवजा(Compensation) दिया गया है उनकी संख्या में एक बड़ा अंतर है. इस कारण विपक्ष ने सरकार पर corona से हुई मौतों के आंकड़े छिपाने के आरोप लगाए हैं.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक(Brajesh Pathak) ने समाजवादी पार्टी(SAPA) के विधायक रविदास मेहरोत्रा के एक प्रश्न का जवाब दिया. उनके जवाब के बाद ही सारा विवाद(Controversy)खड़ा हुआ. मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने सरकारी आंकड़ों में कोरोना से हुई मौतों(Covid-19 Death) की संख्या 23 हजार 512 बताई है और कोरोना से हुई मौतों के लिए जो मुआवजे( Corona Death Compensation) दिए गए हैं उसमें मुआवजा प्राप्तकर्ताओं की संख्या 39 हजार 267 बताई गई.
जब उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से पूछा गया कि ऐसा क्यों है कि मौतों (UP Corona Death Relief Row) की संख्या से ज्यादा मुआवजा(Covid-19 Death Compensation) प्राप्त करने वालों की संख्या है, कहीं ऐसा तो नहीं कि सरकार मौतों के आंकड़ों को छुपा रही है तो ब्रजेश पाठक ने बतलाया कि सरकार पूरी तरह से पारदर्शिता से काम कर रही है और मौतों के आंकड़े और मुआवजा प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या में अंतर के पीछे जो मुख्य कारण है वह है अदालत का आदेश.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जिनके पास उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्रालय(UP Health Ministry) भी है, उन्होंने विपक्ष के सवाल पर जवाब देते हुए बताया कि मौतों के आंकड़े और मुआवजा प्राप्तकर्ताओं की संख्या में अंतर इसलिए है क्योंकि अदालत के निर्देशों(Court Order) का पालन किया गया है. जिसमें उन लोगों को भी मुआवजे के लिए उपयुक्त पाया गया जिनकी corona रिपोर्ट पॉजिटिव आने के एक महीने बाद मृत्यु हो गई थी.
बृजेश पाठक ने अपने जवाब में कहा कि corona से हुई मौतों के लिए हमें 41 हजार 871 आवेदन प्राप्त हुए थे और इन आवेदनों की जांच करने के बाद 39 हजार 267 लोगों को मुआवजे की राशि दे दी गई है और 1 हजार 774 लोगों के आवेदन को खारिज कर दिया गया है. बृजेश पाठक ने यह भी बतलाया कि सरकार ने मुआवजा प्राप्तकर्ताओं के आवेदनों की जांच के लिए जिला स्तर पर कमेटियां बनाई हैं.
वहीं बृजेश पाठक द्वारा दिए गए आंकड़ों (UP Corona Death Relief Row) से विपक्ष भड़क गया और इन आंकड़ों को झूठा बताया साथ ही विधानसभा से बाहर चले गए. मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही एक अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा भारत में कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए थे. इस खुलासे के बाद भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज कर दिया था.