DELHI HIGH COURT के केजरीवाल सरकार से तीखे सवाल
दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार पर सख्त रुख अख्तियार किया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने आज हुई सुनवाई में COVID-19 को लेकर केजरीवाल सरकार के कामकाज पर नाराजगी जाहिर की है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि बाजार में दवाइयों और ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है जिसको रोक पाने में आपकी सरकार पूरी तरह से विफल रही है. क्या कालाबाजारी करना मानवीय कदम है वह भी इस महामारी के दौर में. साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार के पास अधिकार है वह ऐसे लोगों पर कार्यवाही करें जो की कालाबाजारी में संलिप्त हैं.वहीं दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी को पूरी करने के लिए केजरीवाल सरकार ने नए प्लांट और ऑक्सीजन कंटेनर मंगाने की व्यवस्था की है जिसके लिए केजरीवाल सरकार ने बैंकॉक और फ्रांस से अनुबंध किये है.दिल्ली सरकार 21 ऑक्सीजन प्लांट का आयात कर रही है. दिल्ली की केजरीवाल सरकार अगले महीने तक 44 ऑक्सीजन प्लांट दिल्ली में स्थापित करने जा रही है.
झारखंड ने दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई के लिए दिया
मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM ने लिंडे इंडिया लिमिटेड के 4 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंकर को ऑनलाइन फ्लैगऑफ कर जमशेदपुर से दिल्ली के लिए रवाना किया। @BannaGupta76 pic.twitter.com/WUwgODCogy
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) April 27, 2021
झारखंड ने दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई के लिए भरोसा दिलाया है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज कहा कि महामारी के इस दौर में वह पूरी तरह से दिल्ली सरकार के साथ हैं और वो हर संभव मदद करने की कोशिश करेंगे.आज झारखंड से ऑक्सीजन के कंटेनर दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
हमारी छवि खराब ना करें हमने नहीं कहा कि हमारे लिए होटल में कोविड-19 सेंटर बनाए जाएं
अशोका होटल में दिल्ली हाईकोर्ट के जजों और उनके परिवारों के लिए होटल के 100 कमरों को कोविड-19 सेंटर के रूप में अलॉट करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को जमकर लताड़ लगाई है. अदालत ने कहा है कि इस तरह के कामों से हमारी छवि खराब होती है.अदालत ने कहा हमने ये कभी नहीं कहा कि हमारे लिए ऐसी व्यवस्था की जाए. इसलिए जितनी जल्दी हो इस आदेश को वापस लें इससे जनमानस में हमारी छवि धूमिल होती है.
क्या दिल्ली में कोविड-19 के मौतों के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं
सरकारी आंकड़े चाहे वह किसी भी राज्य के हों वह हमेशा संदेह के घेरे में होते हैं. ऐसा हमेशा से होते आ रहा है और आगे भी शायद होता रहेगा. इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है वह है लोगों का जागरूक ना होना और दूसरा सरकारी तंत्र का खौफ. बीते दिनों प्रमुख विदेशी मीडिया संस्थानों ने भारत में कोविड-19 से होने वाली मौतों को छिपाने का आरोप लगाया जिसमें अमेरिका ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख अखबार शामिल हैं. जिसमें कुछ ऐसी तस्वीरें दिखाई गई हैं जिससे लगता है सरकार सचमुच मौत के आंकड़े छिपा रही है. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 18 से लेकर 24 अप्रैल तक 3096 मौतें हुई जबकि दिल्ली सरकार मात्र 1938 मौतों को ही दिखा रही है. एनडीटीवी ने अपने इन्वेस्टिगेशन में पाया कि दिल्ली में जितने भी शव दाह गृह हैं या फिर कब्र गाह हैं वहां से जो आंकड़े आ रहे हैं वो दिल्ली सरकार द्वारा पेश किए जा रहे आंकड़े से मेल नहीं खाते. वहीं भारत सरकार ने विदेशी मीडिया को आड़े हाथों लिया है मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर ने ऑस्ट्रेलिया के एक प्रमुख अखबार को पत्र जारी कर कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि जो बातें दिखाई जा रही हैं या फिर कहीं जा रही हैं उनका सत्य से कोई लेना देना नहीं है.
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का बयान चौंकाने वाला
India better prepared this year to beat Covid-19 compared to 2020: Harsh Vardhan https://t.co/NROLwF0Mie pic.twitter.com/6tl0rxvalQ
— The Times Of India (@timesofindia) April 27, 2021
भारत की स्थिति corona की दूसरी लहर में किस कदर भयावह हो चुकी है यह बात अब किसी से छुपी नहीं है. सरकारी आंकड़े भी अब चीख-चीख कर इसकी गवाही दे रहे हैं. भारत में लगातार तीन लाख से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज रोज पाए जा रहे हैं. लगभग 3000 के आसपास मौते रोज हो रही हैं. नए संक्रमण के मामले में भारत विश्व में नंबर वन पर बना हुआ है. इलाज की व्यवस्था ऐसी है कि लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ रहे हैं लेकिन देश के स्वास्थ्य मंत्री का बयान कि देश की स्थिति 2020 के मुकाबले ज्यादा बेहतर है यह आम इंसान की समझ से परे है.
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