One year Vaccination: वैक्सीनेशन प्रोग्राम के 1 साल हुए पूरे, कहां खड़ा है भारत ,यूपी बिहार जैसे बड़े राज्य लक्ष्य से बहुत पीछे तो हिमाचल बना 100% टिकाकरण करने वाला पहला राज्य, देश में अभी तक कुल 156 करोड़ टीके दिए गए
16 जनवरी 2021 वो दिन जब भारत में Covid-19 Vaccination की शुरुआत हुई थी. आज इसके एक साल पूरे हो चुके हैं लेकिन भारत अभी भी लक्ष्य से बहुत दूर है. टीकाकरण में कैसे अभी भी बहुत ही पीछे है भारत, आइए जानते हैं इस बात को आंकड़ों की रोशनी में.
भारत की लगभग 90% आबादी को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी है और 64% से कुछ ज्यादा आबादी को टीके के दोनो डोज दिए जा चुके हैं
इन आंकड़ों को देखने से तो यही लगता है भारत में टीकाकरण की रफ्तार ठीक-ठाक है लेकिन यह ध्यान रहे कि टीकाकरण अभियान किसी अन्य अभियान से अलग है जिसमें लक्ष्य से थोड़ा भी पीछे रहना भारी चूक मानी जाएगी और यह बेहद ही खतरनाक साबित हो सकता है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी देश की लगभग 11 करोड़(10.99 करोड़) आबादी ऐसी है जिसे corona वैक्सीन की एक डोज भी नहीं दी गई है.
भारत की विशाल आबादी के सामने 11 करोड़ आबादी को कम कहा जा सकता है लेकिन टीकाकरण के महत्व और रिस्क फैक्टर को देखते हुए यह बहुत ही बड़ी आबादी है, जिसके कारण देश में फिर से corona की एक बड़ी लहर आ सकती है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता.
भारत में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के कुल लगभग 94 करोड़ लोग हैं जिनका वैक्सीनेशन किया जा रहा है. इस 94 करोड़ में से अभी तक 90 करोड़ से कुछ ज्यादा लोगों को वैक्सीन की सिंगल डोज दी जा चुकी है जबकि 65 करोड़ से कुछ अधिक आबादी ही ऐसी है जिसे वैक्सीन की दोनों डोज लग पाई है.
16.01.21 यानी आज से ठीक एक साल पहले की हमारी इस खबर पर गौर करें
Vaccine लगने के तुरंत बाद नहीं मिलेगी Immunity, टीका लगने के बाद भी हो सकता है Corona, Resident doctors क्यों नहीं लगवाना चाहते Covaxin
हर्ड इम्यूनिटी(Herd Immunity) अब पर चर्चा कम क्यों..
डॉक्टरों ने जिस हर्ड इम्यूनिटी की बात पहले कही थी अब उस पर चर्चा कम है क्योंकि विश्व के कई देशों के साथ भारत में भी तीसरे डोज यानी बूस्टर डोज (Booster Dose) की शुरुआत कर दी गई है. जिससे यह साफ हो गया है कि corona के खतरे से बचने के लिए पूर्ण टीकाकरण के साथ-साथ बूस्टर डोज भी जरूरी है.
इन सभी बातों में इस बात को जोड़ना आवश्यक है कि देश में दो बड़ी आबादी वाले राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश की स्थिति टीकाकरण के मामले में बेहद ही चिंताजनक है.
चुनावी राज्यों में टीकाकरण (Vaccination) की हालत
मालूम हो कि बिहार जहां हाल में ही पंचायत चुनाव को संपन्न कराया गया है तो वहीं उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी 2022 से विधानसभा का चुनाव होने वाला है. ऐसी स्थिति में एक बड़ी आबादी का बिना टीके का होना गंभीर समस्या को आमंत्रण देने जैसा है.
बिहार में सिंगल डोज लेने वालों का प्रतिशत 80% है तो और डबल डोज लेने वालों का प्रतिशत 60% है तो उत्तर प्रदेश में सिंगल डोज लेने वालों का प्रतिशत 92 है और डबल डोज लेने वालों मात्र 57% है.
चुनावी राज्य पंजाब की स्थिति टीकाकरण मामले में बेहद ही चिंताजनक है. पंजाब में सिंगल डोज वाले 78% हैं तो वहीं डबल डोज लेने वाले मात्र 46% है.
देश के मात्र पांच राज्य जिन्होंने सिंगल डोज में 100% का आंकड़ा छुआ
देश के मात्र पांच राज्य ऐसे हैं जिन्होंने सिंगल डोज में 100% का आंकड़ा छुआ है.वह राज्य हैं चंडीगढ़ हिमाचल हरियाणा तेलंगाना और आंध्र प्रदेश. वहीं सिंगल डोज में 99% को हासिल करने वाले मात्र तीन राज्य हैं कर्नाटक केरल और देश की राजधानी दिल्ली.
यहां यह बताना जरूरी है कि देश का छोटा राज्य हिमाचल एकमात्र राज्य है जिसने अपनी 100% आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज दे दी है.
अभी वर्तमान में भारत में 30 करोड़ प्रति महीने वैक्सीन निर्माण की क्षमता है. इसमें अदार पूनानावाला की सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की क्षमता 25 करोड़ है जबकि भारत बायोटेक की 5 करोड़. मालूम हो कि सिरम इंस्टीट्यूट Covishield कोरोना वैक्सीन का निर्माण कर रहा है जबकि भारत बायोटेक Covaxin का.
15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को दी जाने वाली corona वैक्सीन का निर्माण कार्य भारत बायोटेक द्वारा किया जा रहा है अभी किसी अन्य वैक्सीन कंपनी को इस आयु वर्ग के बच्चों के लिए वैक्सीन बनाने की अनुमति नहीं दी गई है.
ICMR की नई गाइडलाइन से corona बढने का खतरा बढ़ेगा या घटेगा
मालूम हो कि 10 जनवरी से ICMR ने corona टेस्टिंग को लेकर नए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. इस नए दिशा निर्देश के अंतर्गत जिस व्यक्ति को corona होगा उसके परिवार वालों की जांच तब तक नहीं की जाएगी जब तक कि उन लोगों में भी लक्षण दिखाई ना दे. यानी कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग जैसी व्यवस्था अब समाप्त हो जाएगी.
अब इसके पीछे आईसीएमआर का क्या तर्क है यह तो आईसीएमआर ही जाने लेकिन जहां तक डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रकार से corona का खतरा हमेशा के लिए बना रहेगा, खासकर वैसे राज्यों में जहां पर कि टीकाकरण भी कम है और जांच भी कम हो रहे हैं.
एक नज़र भारत के ताजा corona मामलों पर
अगर भारत में corona मामलों पर नजर डालें तो बीते 24 घंटे में 2.71 लाख नए corona मरीज पाए गए हैं जबकि इसी दौरान 314 लोगों की मौत भी हो गई.
Corona के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं आंकड़ों का बढ़ने का क्रम यह है कि 1 जनवरी 2022 यानी नए साल के दिन भारत में 1.2 दो लाख corona के नए मामले आए थे और अब यह मामले 1 दिन में 2.71 लाख पर पहुंच गए हैं जो कि बेहद ही चिंताजनक स्थिति की ओर इशारा करता है.
इन सब के बीच राहत देने वाली खबर यह है कि इस बार corona के मामले बढ जरूर रहे हैं लेकिन लोगों को अस्पताल जाने की जरूरत कम पड़ रही है. या फिर यह कहा जा सकता है कि कोरोना की दो लहरों की स्थितियों को समझने के बाद आम जनता में घबराहट कम है जिस कारण लोग तुरंत अस्पताल का रुख नहीं कर रहे हैं.
लेकिन इसके बावजूद तीसरी लहर में यह तो जरूर है कि मरीजों में गंभीर लक्षण कम देखने को मिल रहे हैं और एसिंप्टोमेटिक पेशेंट ज्यादा है.
शायद इसी कारण आईआईसीएमआर ने एसिंप्टोमेटिक मरीजों की corona जांच करने पर अब लगभग पाबंदी ही लगा दी है क्योंकि अब किसी घर में अगर कोई corona पॉजिटिव पाया जाता है तो पूरे घर के लोगों की जांच नहीं की जाएगी. यह नया नियम बीते 10 जनवरी से लागू हो चुका है.