Molnupiravir anti Viral Drug: Molnupiravir एक Anti Viral Oral Capsule है जिसे Covid-19 के मरीजों पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी लेकिन अब इस पर ICMR जल्द ही ले सकता है कोई सख्त फैसला
Molnupiravir एक एंटीवायरल दवा है जिसकी खूबियों के साथ साथ इसके साइड इफेक्ट को लेकर भी अब चर्चा होने लगी है.
मालूम हो कि इस दवा को भी कोरोना मरीजों को किसी अन्य सामान्य दवाओं की तरह मुंह के माध्यम से दिया जाता है यानी यह एक Oral Drug है लेकिन यह अन्य दवाओं से इसलिए अलग है क्योंकि यह एक एंटी वायरल दवा है.
ICMR's National Task Force for COVID-19 has decided against including antiviral drug Molnupiravir in the Clinical Management Protocol for COVID-19 as of now, official sources said
— Press Trust of India (@PTI_News) January 11, 2022
भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ ने बीते साल 2021 में इस दवा को corona मरीजों पर इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी. भारत में इसे सिर्फ उन मरीजों को देने की इजाजत थी जिनमें corona के गंभीर लक्षण हैं.
लेकिन अब इस दवा को लेकर एक नई बात सामने आ रही है कि इससे खासकर वयस्क लोगों में प्रजनन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं.
मालूम हो कि इस एंटीवायरल ओरल ड्रग को कोविड-19 के ट्रीटमेंट के लिए नहीं बनाया गया था बल्कि इसे सामान्य सर्दी-जुकाम के लिए बनाया गया था.
Molnupiravir का इस्तेमाल corona से सबसे अधिक प्रभावित दो देशों ब्रिटेन और अमेरिका में कोविड-19 मरीजों पर हो रहा है.
ब्रिटेन और अमेरिका के हेल्थ एक्सपर्ट्स का दावा है कि इस दवा के इस्तेमाल से कोविड-19 के मरीजों को अस्पताल जाने और अधिक जोखिम से बचाया जा सकता है साथ ही उनका ये भी कहना है कि ये दवा पूरी तरह से सेफ है.
इस दवा के काम करने का तरीका भी बेहद ही चौंकाने वाला है : यह दवा वायरस के जेनेटिक कोड में परिवर्तन या फिर ऐसा कहें कि गड़बड़ी पैदा कर उसे अपने जैसे और भी वायरस बनाने से रोकती है जिससे वायरस के संक्र्मन का फैलना रुक जाता है.
भारत में इस दवा के इस्तेमाल को लेकर नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप (NTAGI) के चेयरमैन एन के अरोड़ा ने एक बेहद ही गंभीर बात कही है.
NTAGI के चेयरमैन एनके अरोड़ा का कहना है कि इस दवा के इस्तेमाल में सावधानी जरूरी है खासकर जो लोग प्रजनन योग्य हैं उन्हें इस दवा को देने से बचना चाहिए.
वहीं भारत के कुछ अन्य डॉक्टरों का कहना है कि अगर इस दवा को कोविड-19 संक्रमण की शुरुआती दौर में संक्रमित व्यक्ति को दिया जाए तो यह दवा 80% तक प्रभावी हो सकती है और संक्रमित व्यक्ति हॉस्पिटल में भर्ती होने से बच सकता है.