Mobile Call Recording Case: क्या आप भी अपने फोन में दोस्तों रिश्तेदारों या पत्नी का कॉल करते हैं रिकॉर्ड तो हो जाएंं सावधान जा सकते हैंं जेल
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कुछ लोग अपना Mobile Call Recording ऑन रखते हैं और दूसरी तरफ जो कॉल पर होता है उसे यह पता भी नहीं होता है कि उसका कॉल रिकॉर्ड हो रहा है.अगर किसी की इजाजत के बिना कोई व्यक्ति मोबाइल पर होने वाली बातचीत रिकॉर्ड रिकॉर्ड करता है तो यह IT Act-2000 की धारा 72 का उल्लंघन है.
IT Act-2000 की धारा 72 के तहत किसी भी इलेक्ट्रानिक उपकरण के जरिए व्यक्ति की मंजूरी के बिना उससे जुड़ी सूचना(Information), दस्तावेज या अन्य सामग्री प्राप्त करना और उसे उसकी मंजूरी(Consent) या जानकारी के बिना सार्वजनिक करना धारा-72 का उल्लंघन है. इसके तहत दो साल की सजा और एक लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
अभी एक ताजा मामला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट द्वारा पति-पत्नी(Husband Wife) के बीच तलाक(Divorce) के लिए कॉल रिकॉर्ड को सबूत के तौर पर मानने से इंकार किये जाने का सामने आया है. अदालत ने कहा है कि किसी भी सूरत में कॉल रिकॉर्डिंग को साक्ष्य के तौर पर अदालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है. कोर्ट के मुताबिक बिना मंजूरी मोबाइल या फोन कॉल को रिकार्ड करना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन है.
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फैमली कोर्ट(Family Court) के द्वारा दिये गए फैसले को पलट दिया.फैमली कोर्ट कॉल रिकॉर्डिंग को साक्ष्य के रूप में स्वीकार कर लिया था.जिसके बाद पत्नी हाईकोर्ट की शरण में गयी थी. हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में ऐसा लगता है कि पति ने पत्नी से हुई बातचीत को उसकी जानकारी के बगैर रिकॉर्ड कर लिया. ऐसा करना संविधान में दिये गये निजता के अधिकार का स्प्ष्ट और सीधे तौर पर उल्लंघन है.
इस खबर को पढने के बाद आप इतना तो समझ ही गये होंगे कि किसी के कॉल को उसकी अनुमती के बिना रिकॉर्ड करना एक जुर्म है और ऐसा करने पर आप दो साल के लिए जेल भी जा सकते है. आज कल ऐसे हजारों कॉल रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर मिल जाते हैं जिसे आप में से कई लोग बिना कुछ जाने समझे शेयर भी कर देते हैं. अब आगे से ऐसा करने से बचें और नियमों के दायरे में रहें. यहां यह भी ध्यान दें कि सिर्फ कॉल ही नहीं बल्कि वीडियो फोटो या कोई अन्य निजी दस्तावेज बिना सामने वाले की इज़ाज़त के कहीं भी शेयर करना एक अपराध है.