Gorakhpur Vinod Upadhyay Encounter: गोरखपुर में आतंक का पर्याय विनोद उपाध्याय का UP STF ने किया एनकाउंटर
Gorakhpur Vinod Upadhyay: गोरखपुर से बड़ी खबर कुख्यात गैंगस्टर विनोद उपाध्याय को आज तड़के UP STF ने एक एनकाउंटर में मार गिराया. विनोद उपाध्याय पर तीन दर्जन से भी अधिक मुकदमे दर्ज थे. पुलिस ने बतलाया है कि जब यूपी एसटीएफ ने विनोद उपाध्याय की घेराबंदी की तो भागने की फिराक में था और अपने बचाव में पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने लगा. इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और विनोद उपाध्याय मारा गया.
बताते चलें कि विनोद उपाध्याय पर गोरखपुर पुलिस ने एक लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था. विनोद उपाध्याय गोरखपुर के लिए ही नहीं बल्कि लखनऊ संत कबीर नगर बस्ती में भी कई वारदातों को अंजाम दे चुका था.
यूपी एसटीएफ की जिस टीम ने गैंगस्टर विनोद उपाध्याय का एनकाउंटर किया उसकी अगुवाई डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह कर रहे थे. यहां एक बात और गौर करने वाली है कि विनोद उपाध्याय पर दर्जनों मामले दर्ज होने के बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी और ना ही किसी मामले में उसे सजा ही मिली थी.
पुलिस के अनुसार शुक्रवार यानी आज 5 जनवरी को सुबह-सुबह जब एसटीएफ के टीम ने उसे चारों तरफ से घेरा तो विनोद उपाध्याय ने यूपी एसटीएफ पर कई राउंड फायरिंग की उसके बाद यूपीएसटीएफ की टीम ने भी जवाबी कार्रवाई की और इसी जवाबी कार्रवाई में गोरखपुर के कुख्यात गैंगस्टर विनोद उपाध्याय को गोली लगी. इसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. लेकिन इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई.
गोरखपुर का विनोद उपाध्याय मूल रूप से अयोध्या के रहने वाला था और यूपी के माफियाओं की लिस्ट में टॉप पर आता था. बीते 2023 के सितंबर महीने में यूपी पुलिस द्वारा विनोद उपाध्याय पर एक लाख का इनाम रखा गया था. विनोद उपाध्याय को पुलिस 7 महीने से तलाश रही थी लेकिन कोई कामयाबी हासिल नहीं हो पाई थी.
यूपीएसटीएफ द्वारा विनोद उपाध्याय के एनकाउंटर के बाद यह माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जुर्म और जरायम की दुनिया के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है जिसमें कोई कोताही नहीं बरती जा रही है. लेकिन यहां एक बात और गौर करने वाली है कि यूपी में लगातार हो रहे एनकाउंटर और उसके तरीके पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
विनोद उपाध्याय के एनकाउंटर के बाद उसकी जिंदगी से जुड़े हुए कई किस्से कहानियां अब सामने आने लगी है. जिसमें सबसे ज्यादा चर्चा है उस कहानी की जिसकी वजह से कहा जाता है कि विनोद उपाध्याय गैंगस्टर बना. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विनोद उपाध्याय ने सबसे पहली हत्या साल 2005 में की थी और उस शख्स का नाम था जीत नारायण मिश्र. ऐसी भी चर्चा है की जीत नारायण मिश्र ने विनोद उपाध्याय को थप्पड़ मारा था और इसी का बदला विनोद उपाध्याय ने उसकी हत्या करके ली थी.