Gorakhpur Mafia Sudhir Singh: गोरखपुर कुख्यात माफिया सुधीर सिंह की 400 करोड़ की संपत्ति और दानपत्र का क्या है राज़
Gorakhpur News: गोरखपुर के कुख्यात माफिया सुधीर सिंह(Sudhir Singh) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. यह खबर उसके द्वारा 400 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति को इकट्ठा किए जाने को लेकर है. यहां पर जो सबसे बड़ी बात है वह है संपत्ति को इकट्ठा करने के लिए शातिर सुधीर सिंह का अपनाया जाने वाला तरीका.
जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह कहा जाने वाला गोरखपुर का सुधीर सिंह इन दिनों काफी मुश्किलों से घिरा है. पुलिस की दबीश लगातार बढ़ती जा रही है. अब एक-एक कर उसके सारे राज़ बाहर आ रहे हैं. सुधीर सिंह ने अपने बाहुबल और शातिर दिमाग के बल पर 10 या 12 नहीं बल्कि 400 करोड़ से भी अधिक की संपत्ति इकट्ठा कर ली थी.
सुधीर सिंह बड़ी चालाकी से इन संपत्तियों को इकट्ठा करने के लिए दानपत्रों का इस्तेमाल करता था. पुलिस ने अभी तक सुधीर सिंह के द्वारा 13 जमीनों के दस्तावेज इकट्ठा कर लिए हैं और नए सिरे से इस मामले पर जांच कर रही है.
माफिया डॉन सुधीर सिंह के नाम पर अभी तक जो खुलासे हुए हैं उसके आधार पर 21 संपत्तियां हैं. इन 21 संपत्तियों में से 13 संपत्ति दानपत्र पर हैं जबकि आठ संपत्ति पैतृक संपत्तियों की सूची में है.
माना जा रहा है कि दानपत्र(Donation Letter) के नाम पर सुधीर सिंह बड़ा घोटाला(Scame) कर रहा था और इस प्रकार से वह संपत्तियों को अपने नाम करते जा रहा था. अब उत्तर प्रदेश पुलिस इन सभी संपत्तियों की सूची को तैयार कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इनको को जब्त भी किया जा सकता है.
सुधीर सिंह बहुजन समाजवादी पार्टी के टिकट पर एक बार उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुका है. उत्तर प्रदेश में जुर्म की दुनिया से आकर राजनीति में भाग्य आजमाने वालों की सूची लंबी है कई ऐसे माफिया डॉन हुए जो की राजनीति में ऊंचे पद तक गए. इसका ज्वलंत उदाहरण अतीक अहमद है जिसकी पुलिस कस्टडी में हत्या कर दी गई थी.
माफिया डॉन सुधीर सिंह ने राजनीति की दुनिया में सबसे पहला कदम ब्लॉक प्रमुख के रूप में रखा था. साल 2022 में सुधीर सिंह की 14 करोड़ की संपत्ति को पुलिस ने जप्त किया था. सूत्रों की माने तो सुधीर सिंह की राजनीतिक लोगों से भी अच्छी-खासी जान पहचान है और उसका उसे लाभ भी मिला है. लेकिन अभी सुधीर सिंह के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं और उसे किसी भी प्रकार की राहत निकट भविष्य में मिलती नहीं दिख रही है.