Gay Judge Appointment Case: समलैंगिक वकील Saurabh Kripal को जज बनाने को लेकर केंद्र ने जताई आपत्ति जानिए सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में क्या कहा..
समलैंगिक वकील Saurabh Kripal को जज(Gay Judge Appointment Case)) के रूप में नियुक्ति की सिफारिश का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. जहां इस नियुक्ति को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया तो इस पर सुप्रीम कोर्ट(SC) ने भी अपना रुख साफ कर दिया है. जिसके बाद यह पूरा मामला सुर्खियों में है.
आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला. दरअसल जजों की नियुक्ति के लेकर बनी कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को जो नाम सुझाए थे उस पर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई थी. लेकिन इस मामले में सबसे चर्चित नाम सौरभ कृपाल(Sourabh Kripal) का रहा.
सौरभ कृपाल समलैंगिक(Gay) हैं और उनका गे पार्टनर(Gay Partner) विदेशी है. इस बात को लेकर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई थी. केंद्र सरकार का कहना था कि चुकी सौरभ कृपाल खुद एक समलैंगिक है और ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं कि उनका समलैंगिकों के अधिकार को लेकर लगाव पूर्वाग्रह पैदा करें.
केंद्र सरकार ने सौरभ कृपाल की नियुक्ति को लेकर आपत्ति जताई थी और उनके नाम को खारिज कर दिया था. केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख साफ कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की आपत्ति को गलत ठहराया. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि किसी का समलैंगिक(Gay) होना या उसका पार्टनर विदेशी है इस आधार पर किसी को जज बनने से नहीं रोका जा सकता.
बताते चलें कि भारत में समलैंगिक होना पहले अपराध माना जाता था लेकिन अब इसे अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है. अब भारत में LGTBQ को थर्ड जेंडर का दर्जा दे दिया गया है. लेकिन बताते चलें कि अभी भी भारत में समलैंगिक विवाह(Gay Marriage) को मान्यता नहीं दी गई है. लेकिन यह लोग(LGBTQ) अपने पार्टनर के साथ गरिमा पूर्ण जीवन जी सकें इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है.