DELHI का अपना Education Board
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज यह घोषणा की है कि दिल्ली का भी अब अन्य राज्यों की तरह अपना एजुकेशन बोर्ड होगा.
साथ ही साथ उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार अपने बजट का एक चौथाई हिस्सा यानी 25% शिक्षा पर खर्च करती आ रही है और आगे भी ऐसा करती रहेगी.
'दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन' की स्थापना दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तन को नई ऊंचाइयों की तरफ़ लेकर जाएगा | LIVE https://t.co/sTjII0xNdP
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 6, 2021
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली बोर्ड ऑफ एजुकेशन (Delhi Board Of Education) की स्थापना दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तन को नई ऊंचाइयों की तरफ लेकर जाएगा.
उन्होंने कहा इस फैसले से सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश की शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव पड़ेगा.
केजरीवाल ने कहा हमने सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराया है. इस कारण शिक्षकों में साथी ही साथ वहां पढ़ने वाले बच्चों में एक नया आत्मविश्वास आया है.
केजरीवाल ने जोर देते हुए कहा अब सरकारी स्कूल के बच्चे हीन भावना से ग्रसित नहीं रहते कि उन्हें प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधाएं नहीं मिलती.
मनीष सिसोदिया का बयान
वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री एवं पूर्व में वरिष्ठ पत्रकार रहे मनीष सिसोदिया ने भी इस फैसले को दिल्ली सरकार का बड़ा कदम बताया है.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली का नया स्कूल एजुकेशन बोर्ड शिक्षा में सुधार के एक बहुत बड़े सपने को पूरा करने का आधार बनेगा.
दिल्ली का नया स्कूल बोर्ड, शिक्षा में सुधार के एक बहुत बड़े सपने को पूरा करने का आधार बनेगा.
— Manish Sisodia (@msisodia) March 6, 2021
इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर बच्चा अच्छा नागरिक बने, कट्टर देशभक्त बनकर देश की ज़िम्मेदारी ले और अच्छा इंसान बने. यह बोर्ड शिक्षा को 'रटकर पास होने की परीक्षा' से मुक्त करेगा. https://t.co/zSjs0Ag1LW
मनीष सिसोदिया ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि हर बच्चा अच्छा नागरिक और कट्टर देशभक्त बनकर देश की जिम्मेदारी ले.
मालूम हो कि दिल्ली सरकार ने देशभक्ति संबंधित पाठ्यक्रम को स्कूली शिक्षा में लागू करने की तैयारी की है.
दिल्ली में देशभक्ति पाठ्यक्रम कमेटी बनाई गई है .दिल्ली सरकार का कहना है कि हमारे संवैधानिक मूल्यों को और गौरव को जीवन में उतारने की जरूरत है ना कि उसे सिर्फ किताबों तक सीमित रखा जाना चाहिए.
सरकार ने इसी संदर्भ में यह फैसला लिया है कि दिल्ली में अगले शैक्षणिक सत्र से देशभक्ति पर पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा.