भारत में टीकाकरण का दूसरा चरण चल रहा है टीकाकरण अभियान में अभी तक टीके के दो डोज के बीच का अंतर 28 दिन या 4 से 6 हफ्ते का होता है. लेकिन अब इस गैप को और बढ़ाने का निर्देश केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया है. केंद्र सरकार ने पत्र जारी करते हुए बताया है कि covishield की दूसरी डोज 28 दिनों बाद नहीं बल्कि 6 से 8 सप्ताह के बीच दी जाए. लेकिन यह सीमा 8 सप्ताह से अधिक नहीं होनी चाहिए.
सरकार ने इसके पीछे जो तर्क दिया है वह यह है कि नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) और एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन ने यह पाया है कि अगर Covishield वैक्सीन की दूसरी डोज 6 से 8 सप्ताह बीच दी जाए तो यह ज्यादा असरदार साबित होगी.
सरकार ने भारत में टीकाकरण के लिए दो वैक्सीन को मान्यता दी है सिरम इंस्टीट्यूट की Covishield और भारत बायोटेक की Covaxin. मालूम हो की 6 से 8 सप्ताह का नियम सिर्फ Covishield के लिए किया गया है ना कि कोवैक्सीन के लिए.
हाल के दिनों में कुछ यूरोपीय देशों ने Covishield पर लगाई थी अस्थाई रोक
कुछ यूरोपीय देशों ने खून में थक्का बनने की शिकायत के बाद Covishield पर अस्थाई रोक लगा दी थी. लेकिन जांच में अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं पाया गया है और वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्रेजनेका ने यह दावा किया है कि हमारी वैक्सीन (covishield) पूरी तरह से सुरक्षित है और हम इसके प्रतिकूल प्रभावों का सूक्ष्म विश्लेषण करते रहते हैं.
इन दावों के बीच बहुत सारे देशों में Covishield की खुराक फिर से दी जाने लगी है. खून के थक्के जमने को थ्रोंबोसिस कहा जाता है. एक्सपोर्ट यह दावा करते हैं कि कोरोनावायरस से गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों में यह समस्या हो सकती है.
भारत ने भूटान को दिया Covishield वैक्सीन का तोहफा
भारत ने अपने पड़ोसी देश भूटान को 4 लाख वैक्सीन भिजवाई है जिसके लिए भूटान के प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया है.
Pleased to receive additional 400,000 doses of Covishield, making possible the nationwide rollout of our vaccination program. People of Bhutan and I remain grateful @narendramodi. We pray these gestures during the pandemic turn into boundless blessings for the people of India. pic.twitter.com/IfyovaOLzo
— PM Bhutan (@PMBhutan) March 22, 2021
भूटान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि भूटान के लोग और मैं प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा करते हैं. यह जानकारी भूटान के प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल से दी है.
देश में कोरोना का बढ़ रहा है प्रभाव सरकार कर सकती है सख्त़ी का ऐलान
एक बार फिर से पूरे देश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं कुछ लोग इसे सेकंड वेब भी कह रहे हैं.
लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से ऐसा कोई बयान नहीं आया है. स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन का कहना है कि लोग लापरवाह होते जा रहे हैं इस कारण मामलों में तेजी दिख रही है.
उनका यह कहना सही भी है लोग अब कोरोनावायरस को हल्के में ले रहे हैं जो कि एक खतरनाक स्थिति को आमंत्रित करने जैसा है.
देश में पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं जहां कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही अपनी रैलियों में भीड़ दिखाना चाहते हैं. कहीं ऐसा ना हो कि चुनाव के बाद की स्थिति एक और कोरोना विस्फोट को लेकर आए.
देश की राजधानी दिल्ली में भी साप्ताहिक बाजारों में अधिकतर लोग ना तो फिजिकल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं और ना ही मास्क सही तरीके से लगा रहे हैं. इस कारण से दिल्ली में भी कोरोनावायरस जो कि अभी तक नियंत्रण में था अब बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं.
राजस्थान के 8 शहरों जयपुर जोधपुर कोटा उदयपुर अजमेर भिलवाड़ा सानवाड़ा और कुशलगढ़ में रात्रि कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया है. साथ ही साथ राजस्थान में बाहर से आने वाले लोगों के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट को अनिवार्य कर दिया गया.
अब कोई भी व्यक्ति जो कि बाहर से राजस्थान में प्रवेश करेगा उसको 72 घंटे पुराने rt-pcr नेगेटिव टेस्ट दिखाना अनिवार्य होगा नहीं तो उन्हें 15 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन में रहना होगा.
वहीं अगर बात महाराष्ट्र की करें तो पूरे भारत में सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति यहीं की बनी हुई है. महाराष्ट्र में r-value यानी रिप्रोडक्टिव वैल्यू पांच है जो कि राष्ट्रीय औसत से बहुत ही ज्यादा है. r-value उस वैल्यू को कहते हैं जिससे यह पता चलता है कि एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है. इसका अर्थ यह हुआ कि महाराष्ट्र में एक संक्रमित व्यक्ति पांच स्वस्थ लोगों को संक्रमित कर सकता है.
पिछले दिनों महाराष्ट्र में 1 दिन में 30 हजार से भी ज्यादा मामले आए. अगर कुल संक्रमितों की संख्या की बात करें तो यह 24 लाख से भी ज्यादा है और मृतकों की संख्या 53 हजार से भी ज्यादा.
भारत में कुल मरीजों की संख्या अब एक करोड़ 16 लाख से भी ज्यादा हो गई और मृतकों की संख्या 1 लाख 60 हजार से भी ज्यादा है. इन सभी परिदृश्यों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि भारत सरकार कोरोना से निपटने के लिए फिर से कोई सख्त कदम उठा सकती है.
कोरोना काल के पुराने वीडियो व्हाट्सएप और फेसबुक पर किए जा रहे हैं शेयर और लोग हो रहे हैं गुमराह
कुछ खुराफाती लोग फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए कोरोना काल के पुराने वीडियो जिसमें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों द्वारा लॉकडाउन की घोषणा की गई थी उसको इस प्रकार से प्रचारित कर रहे हैं जैसे कि यह अभी की बात हो.
इस कारण आम जनों में अफरातफरी का माहौल पैदा हो रहा है जिस पर सरकार और पुलिस को सख्त़ कार्रवाई करने की जरूरत है. साथ ही साथ लोगों को भी जागरूक रहना चाहिए और ऐसे व्हाट्सएप या फेसबुक वीडियो पर कंप्लेन करना चाहिए.
प्रधानमंत्री MODI का टीका COVAXIN ही क्यों??