Cheetah Death Row: नामीबिया से भारत आई मादा चीता Sasha की मौत सबसे बड़ा सवाल बीमार चीते को क्यों लाया गया भारत

Cheetah Death Row
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Cheetah Death Row: PM मोदी ने जिस मादा चीता साशा(Female Cheetah Sasha Death) को कूनो राष्ट्रीय पार्क में छोड़ा उसकी मौत भारत लाने से पहले ही चीते की किडनी में था संक्रमण बीमार चीते को भारत लाने पर अब उठ रहे हैं सवाल..

नामीबिया(Namibia) से भारत आए 8 चीते में से एक मादा चीता साशा की मौत(Female Cheetah Sasha Death) हो गई है. जिसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर एक बीमार चीते को वो भी इतने तामझाम से भारत क्यों लाया गया.  जिस मादा चीते की मौत हुई है बताया जा रहा है कि भारत लाने से पहले ही उसकी किडनी में इंफेक्शन था.

बताते चलें कि नामीबिया(Namibian) से पिछले साल 17 सितंबर को 8 चीतों को भारत लाया गया था. जिन्हें मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय पार्क(Kuno National Park) में रखा गया था. जिस दिन इन चीतों को कूनो नेशनल पार्क में शिफ्ट किया गया उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी था. जंगल विभाग और शासन प्रशासन ने इस दिन को खास बनाने के लिए काफी इंतजाम किए थे. मीडिया में भी लगातार कई दिनों तक इन चीतों की चर्चा होती रही थी.

आज जब 8 में से एक मादा चीते साशा(Female Cheetah Sasha) की मौत हो गई तो फिर से एक बार यह खबर सुर्खियों में है. इस खबर के सुर्खियों में रहने के पीछे जो सबसे बड़ी वजह है वह है मादा चीते साशा की मौत के पीछे का कारण. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मादा चीता साशा जब भारत लाई गई थी उससे पहले ही उसकी किडनी में संक्रमण था और यह संक्रमण बढ़ता गया अंततः मादा चीते की किडनी में क्रिएटिनिन का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया और उसकी मौत हो गई. अब सवाल यह उठता है कि जब चीता पहले से ही बीमार था तो उसे भारत क्यों लाया गया! उस पर सरकारी पैसे क्यों लुटाए गए.मादा चीता साशा की मौत के बाद वन विभाग पर उंगलियां उठ रही हैं. जबकि वन विभाग के अधिकारी इस संबंध में ज्यादा बोलने को तैयार नहीं हैं.

दूसरी तरफ चीतों से जुड़ी ही एक और बुरी खबर सामने आई है.बीते रविवार को हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क में देश का आखरी चीता जिसका नाम अब्दुल्ला था उसकी मौत हो गई. अब्दुल्ला की मौत के पीछे जो कारण बताए गए हैं उसमें हृदय गति का रुकना है. नर चीते अब्दुल्लाह की उम्र 13 वर्ष थी.

भारत के जंगलों में विविधता को बरकरार रखने के लिए कुल 20 चीते लाए गए थे. जिसमें से 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से तो वहीं आठ चीते नामीबिया से लाए गए थे. सभी चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा गया था. लेकिन अब इनमें से एक मादा चीता साशा की मौत हो गई है. इस प्रकार अब कूनो नेशनल पार्क में 19 चीते बचे हैं. कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों की मानें तो मादा चीता साशा की मौत आज सुबह हुई है.

 

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