Champions Trophy Final: फाइनल मैच में रहा स्पिनर्स का जलवा, और क्या बड़ी वजह रही भारत की जीत में..
न्यूज़ीलैंड ने Champions Trophy 2025 के फाइनल में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया और तेज शुरुआत की। Will Young को 7वें ओवर में Mohammad Shami ने अपने ही गेंद पर कैच छोड़ जीवनदान दिया वहीं अगले ओवर में मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती की गेंद पर Rachin Ravindra का भी कैच छुटा मगर इसी ओवर में चक्रवर्ती ने Will young को 15 रन पर LBW आउट कर अपने टीम को पहली सफलता दिलाई।
उसके तुरंत बाद ही कुलदीप यादव ने अपना कमाल दिखाते हुए पिछले मैच में अपने साझेदारी और शतकीय पारी के दम पर न्यूज़ीलैंड को फाइनल में पहुंचाने वाले दोनों बल्लेबाज़ों को पवेलियन भेज दिया। कुलदीप ने 11वें ओवर में पहली ही गेंद पर अच्छे फॉर्म में चल रहे Rachin Ravindra को 39 रनों के स्कोर पर क्लीन बोल्ड कर दिया और फिर 13वें ओवर की दूसरी गेंद पर Kane Williomson को 11 रनों पर अपनी ही गेंद पर कैच आउट कर वापस भेजा।
उसके बाद आये Daryl Mitchell और Tom Latham ने पारी को आगे बढ़ाया मगर भारतीय स्पिनर्स ने सधी हुई गेंदबाज़ी की और रनों की गति को धीमी रखी।इस का नतीजा रहा कि 24वें ओवर की दूसरी गेंद पर विकेटकीपर बल्लेबाज़ Tom Latham 14 रनों पर Ravindra Jadeja की गेंद को स्वीप मारने के चक्कर में विकेट के सामने पकड़े गए।
अगले विकेट के रूप में आये Glenn Philips ने आकर रनों की गती बढ़ाई और काफी समय से बाउंडरी को तरस रही अपनी टीम के खाते में कुछ बाउंडरी जोड़े। इसी बीच Daryl Mitchell और Phillips के भी कैच छुटे, मगर एक बार फिर Varun Chakravarthy ने 38वें ओवर में Phillips को 34 रनों पर क्लीन बोल्ड कर इस साझेदारी को आगे बढ़ने से रोक दिया।
Daryl Mitchell ने मिले जीवनदान को जाया नहीं होने दिया और अगले बल्लेबाज़ Bracewell के साथ मिल कर आख़िरी के ओवरों मे तेज़ी से रन बटोरे और अपना अर्धशतक भी पुरा किया। Mitchell ने 63 रन बनाये और शामी का शिकार बने.Bracewell ने भी तेज खेलते हुए मात्र 40 गेंदों में नाबाद 53 रन बना अपनी टीम को 50 ओवर की समाप्ति पर 7 विकेटों के नुकसान पर 251 रनों तक पहुँचा दिया।
भारतीय गेंदबाज़ों की बात की जाए तो 50 ओवरों में 38 ओवर स्पिनर्स ने डाले और 144 रन खर्च कर 5 विकेट निकाले. Varun Chakravarthy ने 10 ओवरों में 4.50 की औसत से 45 रन देकर , Kuldeep Yadav ने 10 ओवरों में 4 की औसत से 40 रन देकर दो-दो विकेट अपने नाम किया
Ravindra Jadeja ने 10 ओवर में 3 की औसत से 30 रन दे कर 1 विकेट अपने नाम किया और अक्षर पटेल ने 8 ओवर में 3.60 की औसत से 29 रन दिये।इस मैच में फास्ट बॉलर्स उतने प्रभावशाली नहीं रहे, किवीयों ने तेज़ गेंदबाज़ी के 12 ओवरों में 104 रन बटोरे। जिसमें Shami ने 9 ओवरों में 8.20 की औसत से 94 रन खर्च किए तो बैटिंग आलराउंडर Hardik Pandya ने मात्र 3 ओवर फेंक 10 की औसत से 30 रन दिया।
252 रनों का पीछा करने उतरे कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने भारतीय टीम को जैसी शुरुआत चाहिए थी बिल्कुल वैसी ही शुरुआत दी।7वें ओवर में एक जीवनदान मिलने के बाद शुभमन संभल कर खेल रहे थे वहीं कप्तान रोहित अपने चित परिचित अंदाज़ में खेलते हुए तेज़ी से रन बनाते हुए 105 रनों की साझेदारी बना ली थी।
18वें ओवर में Glenn Phillips ने एक बार फिर बेहतरीन कैच पकड़ते हुए गिल को 31 रनो पर पवेलियन का रास्ता दिखाया। उसके बाद फॉर्म में चल रहे विराट कोहली भी 20वें ओवर में मात्र 1 रन पर Bracewell की गेंद पर LBW हो गए.
विराट कोहली के आउट होने के बाद भारतीय टीम की रनों की गति थोड़ी धीमी हो गई और इसका नतिज़ा यह रहा कि कप्तान रोहित शर्मा इस प्रेशर को कम करने के चक्कर में Rachin Ravindra की गेंद पर आगे बढ़ कर मारने गए और स्टंप आउट हो गए।27वें ओवर तक भारत के 3 विकेट गिरने के बाद श्रेयस अय्यर और अक्षर पटेल ने भारतीय पारी को संभाला और मैच को आगे बढ़ाते रहे और 61 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी बनाई।
39वें ओवर में श्रेयस 48 रनों पर न्यूज़ीलैंड कप्तान Santner की गेंद पर आउट हो गए । श्रेयस पिछले मैच की तरह इस मैच में भी अपना अर्धशतक पूरा नहीं कर सके, उसके बाद अक्षर भी ज्यादा देर नहीं टिके और Bracewell की गेंद पर 29 रन बना कर आउट हो गए।अगले बल्लेबाज के रूप में बल्लेबाजी के लिए आये हार्दिक पांड्या ने के एल राहुल के साथ 38 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत के दरवाजे तक ला खड़ा किया, मगर वो 18 रन बनाकर Jammison की शॉर्ट लेंथ गेंद पर कॉटन बोल्ड हो गए.
जडेजा और राहुल ने फिर विकेट नहीं गिरने दिया और 1 ओवर शेष रहते भारत को तीसरी बार चैंपियन्स ट्रॉफी का ख़िताब दिलाया। राहुल ने नाबाद 34 रनों की सुझबुझ भरी पारी खेली तो जडेजा नाबाद 9 रन बनाये।पुरे टूर्नामेंट में भारत ने हर क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया, भारत को 8 वें नंबर तक बल्लेबाज़ी का होना भी काफी मदादग़ार साबित हुआ वहीं रोहित शर्मा ने अपने स्पिनर्स का अच्छा इस्तेमाल किया और इसका श्रेय कहीं ना कहीं कोच गौतम गंभीर को भी जाता है.
गौतम गंभीर ने ही स्पिनर वरुण चक्रवर्ती को टीम में शामिल करने का एक अच्छा निर्णय लिया और वरुण ने भी हर मैच में अपने प्रदर्शन से अपने चयन को सही भी साबित किया।Rachin Ravindra को पूरे टूर्नामेंट में उनके आल राउंड प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया वहीं फाइनल में भारतीय कप्तान को उनकी बेहतरीन पारी के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया।