चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर CBI ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. मालूम हो कि NCRB की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि देश में सबसे अधिक चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले UP में दर्ज किए गए हैं.
आज देश के आधे से अधिक राज्य और UT में CBI बच्चों के खिलाफ हो रहे है Cyber Crime को ले कर सर्च ऑपरेशन चला रही है. यह सर्च ऑपरेशन देश के 14 राज्यों में एक सथ 76 जगहों पर चलाया जा रहा है. इस सर्च ऑपरेशन के निशाने पर बच्चों के अश्लील वीडियो बनाने वाले और शेयर करने वाले लोग हैं.
मालूम हो कि NCRB की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले यानी बच्चों के खिलाफ Cyber Crime में साल 2020 में 400% की वृद्धि हुई है.
NCRB के आंकड़ों के अनुसार 400% मामले बढ़े, UP में सबसे ज्यादा मामले COVID19 में Lockdown के दौरान ज्यादा सर्च हुये पोर्न साईट
NCRB के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2020 में साल 2019 की तुलना में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के 400% मामले बढ़े हैं. अगर राज्यों की बात करें तो सबसे अधिक 161 मामले UP में दर्ज किए गए.
कोविड-19 महामारी के दौरान चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामलों में काफी इजाफा हुआ है. साइबर अपराधी उन बच्चों को ज्यादा निशाना बनाते हैं जो कि अपना ज्यादा समय मोबाइल लैपटॉप पर देते हैं. साथ ही जिन बच्चों पर उनके अभिभावक ध्यान नहीं रखते.
सिर्फ UP ही नहीं अन्य कई राज्योंं की स्थिती भी भयावह, कैसे बचाएं Internate पर बच्चों को Cyber Criminals से
NCRB की रिपोर्ट के अनुसार UP के बाद महाराष्ट्र में 123 मामले दर्ज किए गए. जबकि कर्नाटक में 122 एवं केरल में 101 मामले दर्ज किए गए हैं. साथ ही उड़ीसा, तमिलनाडु, असम, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में भी मामले दर्ज किए गए हैं.
चाइल्ड पॉर्नोग्राफी साइबर क्राइम की दुनिया में कमाई का बहुत बड़ा जरिया है. इसमें कई आतंकवादी संगठन भी जुड़े हुए होते हैं. इन सब बातों से बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा दोनों ही जरूरी है.
अभिभावकों को चाहिए कि मोबाइल या लैपटॉप पर ऐसे प्रतिबंधित साइट को रोकने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करें और जहां तक जरूरी हो जब बच्चे मोबाइल या लैपटॉप पर इंटरनेट का इस्तेमाल करें तो वहां पर गार्जियन उपस्थित हों.
Supreme Court में पोर्न साईट पर प्रतिबंध को लेकर क्या कहा था केंद्र सरकार ने
यह साल 2015 की घटना है जब सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट पर पोर्न सामग्रियों को लेकर सरकार को फटकार लगाई थी और सरकार ने 800 से भी अधिक पोर्न साइट पर बैन लगा दिया था.
लेकिन यह सभी को मालूम है कि पोर्न साइट पर पूर्ण रुप से बैन लगा पाना संभव नहीं है. पोर्न साइट चलाने वाले लोग वीपीएन बदलकर फिर से एक्टिव हो जाते हैं.
पोर्न साइट पर बैन लगाने के मामले में केंद्र सरकार ने 2015 में ही कहा था कि अगर कोई व्यक्तिगत रूप से पोर्न साइट देखना चाहता है, पोर्नोग्राफी देखना चाहता है तो उस पर प्रतिबंध नहीं है. यह वक्तव्य अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा था.
मालूम हो कि यूपी सरकार ने भी पहल करते हुए यह कहा था कि अगर यूपी के अंदर कोई चाइल्ड पोर्नोग्राफी वेबसाइट को ओपन करेगा तो उसकी तत्काल सूचना पुलिस के पास पहुंच जाएगी. लेकिन इस मामले में कितनी कार्यवाही हुई यह अभी तक जांच का विषय है.
अभी तक यही देखने को मिला है कि चाइल्ड पॉर्नोग्राफी और पॉर्नोग्राफी पर रोक लगाना सरकार और सरकारी मशीनरी के लिए टेढ़ी खीर है. चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर रोक लगाने के लिए समाज के लोगों को जागरूक होना होगा तभी इस अपराध पर लगाम लगने की संभावना है.