Brij Bhushan Sharan Singh को IOA का तगड़ा झटका Wrestlers Protest को देखते हुए भारतीय ओलंपिक संघ ने यौन शोषण के आरोपों की जांच के लिए बनाई जांच कमेटी जानिए सदस्यों के नाम
बृजभूषण शरण सिंह(Brij Bhushan Sharan Singh) की मुश्किलें घटने का नाम नहीं ले रही है. यौन शोषण मामले को लेकर भारतीय ओलंपिक संघ(IOA) ने Wrestlers Protest को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है.भारतीय ओलंपिक संघ ने बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए 7 सदस्यीय जांच समिति का गठन कर दिया है.
दूसरी तरफ बृजभूषण शरण सिंह(WFI Chairman) को लेकर पहलवानों का विरोध प्रदर्शन(Wrestlers Protest)जारी है. वहीं बृजभूषण शरण सिंह के तेवर अभी भी कम नहीं हुए हैं और वो झुकने को तैयार नहीं है.बृजभूषण सिंह ने साफ कहा है कि यह मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है और इसमें विपक्षी दलों का हाथ है. उन्होंने साजिश के लिए कांग्रेस के एक नेता का नाम भी लिया है.
बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए जिस 7 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. इसके सदस्यों में प्रमुख नाम मैरी कॉम का है. मैरी कॉम के साथ-साथ डोला बनर्जी,अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव भी इस समिति के सदस्य होंगे. इन लोगों के अलावे इस समिति में दो अधिवक्ताओं को भी शामिल किया गया है.
आज पहलवानों के एक दल ने खेल मंत्री से मुलाकात की थी लेकिन उनकी मुलाकात को लेकर अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं है. पहलवानों का कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई और WFI के अध्यक्ष ब्रिज भूषण शरण सिंह को बर्खास्त नहीं किया गया तो जंतर मंतर पर ही पहलवानी की प्रैक्टिस शुरू कर देंगे.
वहीं इस पूरे घटनाक्रम पर बृजभूषण सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान यह साफ कहा कि पहलवानों के द्वारा खोला गया मोर्चा पूरी तरह से सियासी है और मैं जानता हूं कि इसे कौन हवा दे रहा है. बृजभूषण सिंह ने यह भी कहा कि मैं अभी कोई भी फैसला नहीं लूंगा, 22 तारीख को समिति की बैठक के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा.
अगर पहलवानों को समर्थन देने की बात करें तो उन्हें भाजपा के कई नेताओं ने खुलकर समर्थन दिया है. जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं ,जिन्होंने कहा है कि वह पहलवानों के हक के लिए हमेशा खड़े हैं.
वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी को आड़े हाथों लिया है. लेकिन इस आंदोलन में शामिल पहलवानों का कहना है कि इस पूरे मामले को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाए, यह हम लोगों के हक की लड़ाई है और इसे हम गैर राजनीतिक रूप से ही लड़ेंगे.
पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के बीच सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से इस मामले को लेकर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं की गई है. प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी ने विपक्ष को हमलावर होने का मौका दे दिया है.