Bilkis Bano Case: गुजरात बिलकिस बानो केस में 11 दोषियों को फिर से जाना होगा जेल सुप्रीम कोर्ट से गुजरात सरकार को लगी फटकार
Big Breaking: गुजरात बिलकिस बानो केस(Bilkis Bano Case) में आज एक बड़ा फैसला सामने आया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने 11 दोषियों को जिन्हें की गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया था फिर से जेल जाने का आदेश सुनाया है.
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को लेकर बेहद ही सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि गुजरात सरकार ने जिन 11 दोषियों को समय पूर्व रिहाई दी है उस फैसले के लिए गुजरात सरकार सक्षम नहीं थी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के इस फैसले को धोखाधड़ी के कहा.मालूम हो कि बिलकिस बानों का मामला महाराष्ट्र में चला था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह साफ कहा कि गुजरात सरकार ने जिस प्रकार का फैसला लिया वह इस अदालत में धोखा घड़ी के खेल के समान है. अदालत ने कहा कि गुजरात सरकार को छूट पर विचार करने का कोई भी निर्देश नहीं दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि गुजरात सरकार की तरफ से अदालत के सामने बहुत सारी बातें छुपाई गई. जिसमें हाई कोर्ट और लोअर कोर्ट की टिप्पणी शामिल है.
बिलकिस बानो ने अनुच्चेद 32 का किया था प्रयोग: बताते चलें कि गुजरात सरकार ने एक बेहद ही विवादित फैसला लेते हुए बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में 11 दोषियों को समय से पूर्व ही रिहा कर दिया था. जिसके बाद बिलकिस बानो ने भारतीय संविधान में दिए अधिकारों का प्रयोग करते हुए सीधा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.मालूम हो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत कोई भी व्यक्ति मौलिक अधिकारों के हनन होने कि अवस्था में सीधे सर्वोच्च न्यायालय जा सकता है. इसलिए अनुच्चेद 32 को संविधान की आत्मा भी कहा गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई के फैसले को रद्द कर दिया है. बिलकिस बानो मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की खंडपीठ कर रही थी जिसमें जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस उज्जवल भुइंया शामिल थे. अब इन 11 दोषियों को आत्म समर्पण करना होगा.बिलकिस बानों के दोषियों को आत्म समर्पण के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है.
बताते चले कि जब गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को समय पूर्व रिहाई दी थी तो काफी हंगामा मचा था. अब ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया यह फैसला अपने आप में एक नजीर है और सरकारों को आगाह करती है कि कोई भी फैसला लेने से पहले उसके हर एक पहलुओं को देख लें. ऐसे में एक विवाद और सामने आ रहा है जो बिहार से जुड़ा है. बिहार में भी एक गद्दार नेता की रिहाई समय पूर्व की गई है और हो सकता है ऐसे में उनका मामला भी फंस सकता है.