Apple Warning:क्या देश के बड़े नेताओं को iPhone ने भेजा सिक्योरिटी अलर्ट जानिए उन नेताओं के नाम और एप्पल ने इस आरोप पर क्या कहा
Apple Alert से जुड़ा एक बड़ा मामला सामने आया है. यह मामला सिक्योरिटी अलर्ट को लेकर है. देश के कुछ बड़े नेताओं ने यह आरोप लगाया है कि कोई उनकी जासूसी कर रहा है. इस बात की जानकारी उन्हें एप्पल के कथित सिक्योरिटी अलर्ट से मिली है. इन नेताओं को बीते 30 नवंबर की रात आईफोन पर एप्पल से एक सिक्योरिटी अलर्ट प्राप्त हुआ. जिसमें यह लिखा गया था कि उनके फोन और ईमेल को हैक करने की कोशिश की जा रही है.
जिन नेताओं को कथित रूप से एप्पल के द्वारा यह चेतावनी संदेश प्राप्त हुआ है उसमें तृणमूल कांग्रेस की तेज तर्रार नेता महुआ मोइत्रा, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, शिवसेना की महिला नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा CPI महासचिव सीताराम यचुरी, असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और शशि थरूर के नाम शामिल हैं.
जहां Apple के द्वारा मिले इस चेतावनी संदेश पर एक बार फिर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है कि सरकार चोरी छिपे उनकी जासूसी कर रही है तो वहीं बीजेपी का कहना है कि जब विपक्ष के नेता घोटाले में फंसते हैं तो ऐसे आरोप लगाते हैं. मालूम हो कि महुआ मोइत्रा पर यह आरोप है कि उन्होंने पैसे लेकर संसद में प्रश्न किए थे.
बताते चलें कि इससे पहले भी राहुल गांधी समेत कई और नेताओं ने यह आरोप लगाया था कि सरकार उनकी जासूसी कर रही है. उनके फोन टैप किए जा रहे हैं. लेकिन अभी तक इस मामले को लेकर किसी भी प्रकार का कोई भी सबूत हासिल नहीं हो पाया है.
Apple ने अपने भेजे संदेश में यह कहा है कि आपको स्टेट स्पॉन्सर्ड हैकर्स के द्वारा निशाना बनाया जा रहा है. आपको रीमोटली कंट्रोल के जरिए खतरे में डालने की कोशिश की जा रही है. तृणमूल कांग्रेस के नेता और सांसद महुआ मैत्री ने एप्पल द्वारा भेजे गए चेतावनी संदेश का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया है. एप्पल ने जो संदेश भेजा है उसमें यह भी लिखा है कि इस चेतावनी को गंभीरता से लेने की जरूरत है.
अब देखना यह है कि इस संदेश के बाद सरकार अपना क्या पक्ष रखती है. वैसे सरकार ने पहले भी यह कहा है कि किसी भी व्यक्ति के निजता के अधिकार का उल्लंघन सरकार द्वारा ना तो कभी किया गया है और ना ही आगे किया जाएगा. अभी देश के विभिन्न राज्यों में चुनाव होने वाले हैं ऐसे में iPhone के साथ छेड़छाड़ का मामला राजनीतिक रूप ले सकता है इसमें कोई दो राय नहीं है.
एप्पल का आधिकारिक बयान: अब इस संबंध में एप्पल का आधिकारिक बयान भी आ गया है. जिसमें यह कहा गया है कि एप्पल स्टेट स्पॉन्सर्ड जैसी सुरक्षा चेतावनी किसी को नहीं भेजता है.लेकिन इस सब के बीच इस सवाल का जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है कि अगर एप्पल ने ये अलर्ट नहीं भेजा तो आखिर ये चेतावनी संदेश नेताओंं के मोबाईल पर आया कैसे.सच और झूठ का पता तो अब तभी चलेगा जब भारत सरकार इस मामले पर अपना पक्ष रखेगी.खबर लिखे जाने तक सरकार का इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.