America Murderer Sentenced to 100 Years: अमेरिका की एक अदालत ने 35 साल के व्यक्ति को सुनाई 100 साल की सजा लेकिन इस घटना की चर्चा अमेरिका से ज्यादा भारत में क्यों
America के Louisiana से एक बड़ी घटना सामने आई है जिसमें एक हत्यारे को 100 साल की सजा(100 Years Sentence) सुनाई गई है. इस शख्स का नाम जोसेफ ली स्मिथ(Joseph Lee Smith Shreveport) बताया जा रहा है. अब आइए जानते हैं कि आखिर इस घटना का संबंध भारत से कैसे है और क्यों भारतीय लोग इस सजा के बाद अमेरिकी न्याय तंत्र की सराहना कर रहे हैं.
America(USA) में भारतवंशी को मिला न्याय हत्यारे को 100 साल की सजा
सबसे पहले आते हैं इस घटना के विवरण पर यह घटना साल 2021 की है. अमेरिका के लुसियाना प्रांत(Lousiana State) में एक बच्ची के सिर पर गोली मार दी गई थी. जिस कारण उस बच्ची की मौत हो गई थी. गोली मारने वाले शख्स का नाम जोसेफ ली स्मिथ था. बताया जा रहा है कि यह पूरा घटनाक्रम होटल की पार्किंग(Hotel Parking) में एक झगड़े के कारण हुआ.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो जिस शख्स को 100 साल की सजा सुनाई गई है उसका किसी बात को लेकर होटल की पार्किंग में झगड़ा हुआ और वहीं पर एक बच्ची जिसकी उम्र 5 साल थी खेल रही थी. स्मिथ का झगड़ा एक व्यक्ति से हो रहा था और इसी दौरान स्मिथ ने उस व्यक्ति पर गोली चलाई लेकिन दुर्भाग्यवश वह गोली उस बच्ची को जा लगी और बच्ची की मौत हो गई.
अब आते हैं की इस हत्याकांड की चर्चा भारत में क्यों हो रही है तो इसका जवाब है कि जिस बच्ची की मौत गोली लगने की वजह से हो गई वह बच्ची भारतीय मूल की थी उस बच्ची का नाम माया पटेल( Indian Origin Maya Patel Murder Case America Louisiana State) था. जैसे ही न्यायालय का फैसला आया अमेरिका में रह रहे भारतीय(NRI) सॅअॅटः ही भारत में लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया. सभी लोगों ने 100 साल की सजा(100 Years Sentence) सुनाए जाने के बाद अमेरिकी न्याय व्यवस्था(American Justice System) की प्रशंसा की.
बताते चलें कि अमेरिका(America) में गन कल्चर के कारण आए दिन कई ऐसी घटनाएं होती हैं जिसमें लोगों की जान चली जाती है. क्योंकि अमेरिका में भारत की तरह हथियार को रखना अपराध नहीं है वहां आसानी से हथियार मुहैया हो जाते हैं. कई बार मानवाधिकार संगठनों(Human Rights Organizations) ने इस गन कल्चर को लेकर सवाल भी उठाए लेकिन ऐसी घटनाओं के बाद भी इस मामले में कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है जो कि चिंता का विषय है.