Amarnath Yatra 2021:
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने अमरनाथ यात्रा की तारीखों की घोषणा आज कर दी है.
अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चेयरमैन मनोज सिन्हा जो कि संघ शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल भी हैं आज उनकी अध्यक्षता में राजभवन में यात्रा के संबंध में श्राइन बोर्ड की बैठक हुई थी.
इस बैठक में यह फैसला लिया गया कि इस बार अमरनाथ यात्रा का आयोजन 56 दिनों के लिए किया जाएगा.
इस यात्रा की शुरुआत 28 जून को होगी जब की समाप्ति 22 अगस्त को होगी. मालूम हो कि 22 अगस्त को ही पवित्र रक्षाबंधन का त्यौहार भी है.
इस बार यात्रा के लिए इलेक्ट्रॉनिक Tag का होगा इस्तेमाल.
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का ख्याल रखने के लिए सभी श्रद्धालुओं को इलेक्ट्रॉनिक टैग दिया जाएगा. इस Tag के माध्यम से यात्रियों के सही लोकेशन का पता लगाया जा सकेगा. जिससे आपात स्थिति में उन तक अविलंब मदद पहुंचाने में सुविधा होगी.
अमरनाथ गुफा(Amarnath Cave) तक पहुंचने के लिए किन मार्गों का किया जाता है चयन और कौन सा मार्ग है ज्यादा सुगम
बाबा बर्फानी तक पहुंचने के लिए 2 मार्गों का चयन किया जाता है. पहला पहलगाम से तो दूसरा बालटाल से होकर जाता है.
पहलगाम के रास्ते अमरनाथ गुफा की दूरी 45 किलोमीटर है जबकि बालटाल के रास्ते यह दूरी मात्र 14 किलोमीटर ही है.
लेकिन पहलगाम के रास्ते से जाना ज्यादा सुगम है.पहलगाम अनंतनाग जिले में आता है जबकि बालटाल गांदेरबल जिले के अंतर्गत आता है.
सड़क मार्ग द्वारा कैसे पहुंचा जा सकता है
अगर आप सड़क मार्ग द्वारा अमरनाथ पहुंचना चाहते हैं तो पहले जम्मू तक पहुंचना होगा,फिर जम्मू से श्रीनगर आना होगा और श्रीनगर पहुंचने के बाद बालटाल या पहलगाम पहुंचना होगा.
देश की राजधानी दिल्ली से सीधे बस या टैक्सी द्वारा भी पहलगाम तक पहुंचा जा सकता है अगर दूरी की बात करें तो इस दुर्गम और कठिन यात्रा के लिए दिल्ली से 631 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है.
2019 में निर्धारित तिथि से पूर्व ही समाप्त हो गई थी और 2020 में पूर्ण रूप से रद्द कर दी गई थी अमरनाथ यात्रा(Amarnath Yatra)
विगत 2 वर्षों से अमरनाथ यात्रा या तो समय से पहले समाप्त कर दी गई या फिर पूर्ण रूप से रद्द कर दी गई थी.
वर्ष 2019 में जम्मू कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने की प्रक्रिया में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए निर्धारित तिथि से पूर्व ही अमरनाथ यात्रा समाप्त कर दी गई थी.
वहीं बीते वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण यात्रा की तिथियों और यात्रा कराई जाए या नहीं इसे लेकर ऊहापोह की स्थिति अंतिम समय तक बनी रही थी.
एक बार यात्रा रद्द करने संबंधित प्रेस विज्ञप्ति को निकाला गया लेकिन फिर उसे वापस ले लिया गया. लेकिन अंततः कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस यात्रा को रद्द कर दिया गया.
पूर्व के वर्षों में कैसी रही थी यात्रियों की संख्या
अगर यात्रियों की संख्या की बात करें तो 2016 से 2019 तक लगभग 2 से 4 लाख के बीच रही थी.
जबकि वर्ष 2011 में यह संख्या 6 लाख 36 हजार और वर्ष 2012 में 6 लाख 53 हजार रही थी.
यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की तिथि
जो भी श्रद्धालु यात्रा करना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें रजिस्ट्रेशन कराना होता है.
अगर रजिस्ट्रेशन की तारीख की बात करें तो साल 2021 के लिए 14 अप्रैल से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. यानी 14 अप्रैल से श्रद्धालु अपना रजिस्ट्रेशन अपनी सुविधानुसार करा सकते हैं.
अमरनाथ गुफा के शिवलिंग में क्या है खास
श्रीनगर से 145 किलोमीटर की दूरी पर अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए प्रत्येक वर्ष लाखों श्रद्धालु दुर्गम रास्तों से होते हुए अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए पहुंचते हैं.
इस गुफा में निर्मित शिवलिंग पूर्ण रूप से प्राकृतिक होता है. इसका निर्माण प्रत्येक साल प्राकृतिक रूप से बर्फ के जमने के कारण होता है.
इस शिवलिंग की ऊंचाई पूर्णिमा के दिन महत्तम होती है. चंद्रमा के आकार के हिसाब से इस शिवलिंग की ऊंचाई में परिवर्तन होते रहता है.
अगर अमरनाथ गुफा की लंबाई की बात करें तो या गुफा 90 फीट लंबी और 150 फीट ऊंची है. यह गुफा समुद्र तल से लगभग 3882 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
Latest Updates: Amarnath Yatra 2022 Date: इस साल अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 30 जून 2022 से हो रही है, यात्रा 11 अगस्त तक जारी रहेगी.