Advisory for Indian Students in Ukraine: सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और लोगों को निकालने के लिए नए निर्देश जारी किए हैं जानिए वहां से निकलने के लिए कौन-कौन से जरूरी दस्तावेज और सामान आपको रखना होगा साथ
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों(Indian Students in Ukraine) को इस संकट से निकालने और वापस देश लाने के लिए भारत सरकार लगातार काम कर रही है. सभी हवाई रास्ते बंद हैं ऐसे में वैकल्पिक रास्तों पर विचार किया जा रहा है जिसमें Romania और Hungary के रास्ते का चयन किया जा सकता है. जिसको लेकर वार्ताओं का दौर जारी है.
Kyiv में स्थित भारतीय दूतावास(Embassy Of India) ने छात्रों और नागरिकों के लिए कुछ निर्देश जारी किए हैं. बाहर निकलने के लिए इसका पालन अनिवार्य है. साथ ही कौन-कौन सी चीजें आपको अपने साथ रखनी है उसके बारे में भी इस निर्देश में जानकारी दी गई है.
Embassy Of India के निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढें..
Important Advisory to all Indian Nationals/Students in Ukraine as on 25 February 2022.@MEAIndia @PIB_India @DDNewslive @PIBHindi @DDNational @IndianDiplomacy @PMOIndia pic.twitter.com/79124Ks0Sm
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) February 25, 2022
इस निर्देश में कहा गया है कि लोगों को अपने पास पासपोर्ट यूएस डॉलर भारतीय तिरंगा और अगर उपलब्ध हो तो वैक्सीन सर्टिफिकेट रखना है.
मीडिया रिपोर्ट्स में भारतीय छात्रों से संबंधित बहुत सारी खबरें आ रही हैं जिसमें यह कहा जा रहा है कि Ukraine में छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
छात्रों के पास खाने-पीने के सामानों की भी दिक्कतें अब आ रही हैं. छात्र कहीं मेट्रो स्टेशन तो कहीं सबवे में फंसे हुए हैं, कुछ छात्र कॉलेज के हॉस्टल में हैं. हॉस्टल से कुछ दूरी पर रुक रुक कर बमबारी हो रही है जिसकी वजह से छात्र बेहद डरे हुए हैं.
भारत सरकार ने यह साफ कहा है कि वह अपने लोगों और खासकर छात्रों को इस संकट निकालने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है और जल्द ही कुछ न कुछ उपाय कर लिए जाएंगे.
दूसरी तरफ छात्रों को बाहर निकालने को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. यूपी में चल रहे विधानसभा चुनाव के दौरान इस मुद्दे को लेकर नेताओं द्वारा अनर्गल भाषण भी दिए जा रहे हैं.
जहां विपक्ष द्वारा छात्रों को हो रही परेशानी के लिए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ सत्ता पक्ष प्रधानमंत्री को मजबूत नेता के तौर पर बताने की होड़ में सारी मर्यादाओं को लांग रहा है.
लोगों को इस संकटकाल में संयम से काम लेना चाहिए क्योंकि अभी किसी भी प्रकार की टिप्पणी या फिर संदेश घातक सिद्ध हो सकता है. सबको समझना चाहिए की यह सिर्फ दो देशों का मामला नहीं है बल्कि यह पुरे विश्व का मामला है.जरा सी चूक से शांति व्यवस्था भंग हो सकती है.