Russia Ukraine War: यूक्रेन पर रूस द्वारा सैन्य आक्रमण के बाद भारतीय छात्रों की बढ़ी मुश्किलें सुरक्षित जगहों की मांग, एंबेसी बंद होने की झूठी अफवाह से अफरा-तफरी
रूस द्वारा यूक्रेन(Ukraine) पर हमला किए जाने के बाद यूक्रेन के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. इन सबके बीच यूक्रेन में युद्ध के दौरान भारतीय छात्रों(Indian Students in Ukraine) की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
छात्रों का यह आरोप है कि एंबेसी जाने पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है,वह इधर उधर भटक रहे हैं और सुरक्षित ठिकानों की तलाश कर रहे हैं.
छात्र बराबर वीडियो जारी कर भारत सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि हमें तुरंत वापस नहीं भी बुलाया जाए तो भी कोई बात नहीं लेकिन हमें सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया जाए.
This is what I have been raising with MEA and Civil Aviation Ministry. Now our Indians are stranded and are feeling helpless. pic.twitter.com/9sAt8W6TSf
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) February 24, 2022
छात्रों को हवाई जहाज से लाने के रास्ते बंद हो चुके हैं. सरकार भी अन्य रास्तों की तलाश कर रही है जिसके द्वारा भारतीय छात्रों और लोगों को सुरक्षित भारत लाया जा सके.
बताते चलें कि भारत सरकार ने एयर इंडिया(Air India) के विमान को यूक्रेन में छात्रों और नागरिकों को लाने के लिए भेजा था लेकिन युद्ध के हालात के कारण विमान बिना छात्रों को लिए ही वापस लौट आया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन में 18 हजार के करीब भारतीय छात्र और नागरिक अभी भी फंसे हुए हैं.
भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों से धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखने की अपील की है वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में खबरें आई थी कि भारत यूक्रेन में स्थित दूतावास को बंद करने जा रहा है जिसके बाद छात्रों और नागरिकों में दहशत फैल गई जबकि सच्चाई इससे अलग है.
भारत ने आज साफ कहा है कि छात्रों और नागरिकों को घबराने की जरूरत नहीं है. भारतीय दूतावास को बंद नहीं किया जा रहा और भारत सरकार यूक्रेन में फंसे हर भारतीय को निकालने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है.
यूक्रेन संकट के मद्देनजर आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें संभव है कि Ukraine को लेकर भारत अपनी मंशा जाहिर करेगा.
यूक्रेन और रुस के बीच उत्पन्न हुए तनाव के शुरुआती दौर में ही भारत ने यह साफ कहा था कि वह किसी भी प्रकार के युद्ध का समर्थन नहीं करता.
वहीं दूसरी तरफ रुस और यूक्रेन के बीच युद्ध को लेकर विपक्ष के नेता शशि थरूर ने कहा है कि भारत को चाहिए कि चुप्पी तोड़े और विश्व को एक संदेश दे जिससे यह पता चल सके कि भारत की क्या मंशा है.