Covishield Side Effect: कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है जिसमें एक प्रोफेसर पिता ने बेटी की मौत के लिए वैक्सीन को जिम्मेदार ठहराया और सरकार से 1000 करोड़ का मुआवजा भी मांगा
Corona वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर सरकार चाहे जो भी दावा करें लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.
महाराष्ट्र से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जिसमें एक Professor पिता ने अपनी बेटी की मौत के लिए corona की वैक्सीन Covishield को जिम्मेदार ठहराया है और मुंबई हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है.
इस याचिका में प्रोफेसर पिता ने कहा है कि मेरी बेटी को जो कि मेडिकल क्षेत्र में ही काम करती थी उसे Covishield Vaccine दी गई थी क्योंकि मेडिकल कर्मियों को वैक्सीन लेना अनिवार्य था इसलिए ना चाहते हुए भी उसकी बेटी ने वैक्सीन लिया.
उनका दावा है कि उनकी बेटी को 28 जनवरी को Covishield Vaccine की पहली डोज नासिक में दी गई थी और उसके ठीक 8 से 10 दिन बाद यानी 5 फरवरी को उनकी बेटी के सर में बेहद ही तेज दर्द होना शुरू हो गया. जिसके बाद उन्होंने डॉक्टरों से संपर्क किया और डॉक्टर ने माइग्रेन की दवा दी लेकिन दो दिन बाद ही 7 फरवरी को फिर से बेटी की तबीयत खराब होने लगी और उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा.
अस्पताल में भर्ती होने के बाद वहां न्यूरो सर्जन ने कहा कि लड़की के माथे में खून का थक्का जम गया है जिसे की सर्जरी के द्वारा हटाया जाएगा. डॉक्टरों ने खून के थक्के को हटाया भी और बेटी 14 दिन तक वेंटिलेटर पर भी रही लेकिन 1 मार्च 2021 को उनकी बेटी की मौत हो गई.
Professor के अनुसार ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया(DCGI) और ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज(AIIMS) ने जो भी वैक्सीन को लेकर दावे किए हैं वह सारे के सारे झूठे दावे हैं.
Professor ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई आफ्टर इफैक्ट्स फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन(AEFI) कमेटी ने 2 अक्टूबर को ही मान लिया था कि स्नेहल की मौत वैक्सीन के साइड इफेक्ट से हुई है.
अब Professor ने अपनी बेटी की मौत को लेकर केंद्र सरकार सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जिसने की Covishield vaccine का निर्माण किया है साथ ही राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाया है और 1000 करोड़ के मुआवजे की मांग की है.