No New Year and Christmas Celebration in Delhi: न्यू ईयर और क्रिसमस सेलिब्रेशन पर दिल्ली में प्रतिबंध, Omicron के खतरो के बीच दिल्ली सरकार ने लिया सख्त फैसला.Corona के कारण ये ऐसा लगातार दूसरा साल होगा जब दिल्ली वासी New Year और Christmas पर खुलकर नहीं कर पाएंगे पार्टी.
New Year Celebration और Christmas Celebration पर ओमी क्रोम(Omicron) की साढ़ेसाती लग गई है..
DDMA यानी दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी और दिल्ली सरकार ने अपने ताजा आदेश में यह साफ कहा है कि Corona के नए वेरिएंट Omicron के खतरों को देखते हुए दिल्ली में क्रिसमस सेलिब्रेशन पर न्यू ईयर सेलिब्रेशन पर रोक रहेगी.
DDMA ने जारी आदेश का सख्ती से पालन हो इसलिए दिल्ली पुलिस को सख्त निर्देश दिया हैं कि दिल्ली में कहीं भी न्यू ईयर पार्टी(New Year Party) और क्रिसमस सेलिब्रेशन(Christmas Celebration) के नाम पर भीड़ भाड़ इकट्ठा ना हो इसका ध्यान रखा जाए.
मालूम हो कि corona के नए वेरिएंट Omicron जिसने की Corona के डेल्टा वैरीअंट(Delta variant) से भी ज्यादा तेजी से फैलने वाला माना जा रहा है. उसके सबसे ज्यादा मामले दिल्ली और महाराष्ट्र में ही दर्ज किए गए हैं.
जहां बीते दिनों दिल्ली और महाराष्ट्र में 54-54 केस दर्ज किए गए थे वहीं अब यह संख्या महाराष्ट्र में 65 तो दिल्ली में 57 तक पहुंच चुकी है.
कल तक देश भर में ये थे Omicron के ममामले
महाराष्ट्र में भारत के अन्य सभी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा और Omicron के मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि Omicron मामलों में दिल्ली दूसरे नंबर पर है.
अब Omicron का असर देश के 15 राज्यों में है. संघ शासित राज्य जम्मू-कश्मीर में भी ओमिक्रोन के तीन मामले दर्ज किए गए हैं. चित्र में ओमिक्रोन के ताजा मामले देखें
अब भारत में Omicron के कुल मामले 229 तक पहुंच चुके हैं. ओमी क्रोम से संक्रमित अधिकतर लोग ऐसे हैं जिनमें या तो कोई लक्षण नहीं है या फिर बहुत ही सामान्य लक्षण हैं.
अभी तक भारत में कोरोना के इस नए वैरिएंट का कोई भी गंभीर मामला देखने में सामने नहीं आया है. यह भारत के लिए राहत की बात है.
यहां तक कि मीडिया रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि दिल्ली के एलएनजेपी हॉस्पिटल में इलाजरत मरीजों का कहना है कि उन्हें कोई भी लक्षण नहीं है फिर उन्हें क्यों आइसोलेट कर कर रखा गया है ये उनकी समझ में नहीं आ रहा है.
भारत में अब कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 78190 है. जबकि इस बीमारी से मरने वलों की कुल संख्या 4 लाख 78 हजार से भी अधिक पहुंच चुकी है.