Vaccine Booster Dose: आज ICMR के महामारी विज्ञान प्रमुख डॉक्टर समीरण पांडा ने कोविड-19 वैक्सीन के बूस्टर डोज के संबंध में बड़ी बात कही है.
ICMR के महामारी विज्ञान प्रमुख डॉक्टर समीरण पांडा ने बताया कि ऐसा अभी तक हमारे अनुसंधान में नहीं देखा गया है कि 6 महीने के बाद Covid-19 Vccine के बूस्टर डोज की जरूरत है.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(ICMR) ने अपने शोध में ऐसा कुछ नहीं पाया कि 6 महीने बाद किसी व्यक्ति को कोविड की बूस्टर डोज़ की ज़रूरत पड़ेगी। सभी लोगों को कोविड की दूसरी डोज़ लग जाए यही इस वक़्त महत्वपूर्ण है: डॉ. समीरन पांडा, महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख, ICMR pic.twitter.com/X8vgc7ZQdC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 21, 2021
भारत में Covid-19 Vaccine के दोनो डोज लग जाये ये ज्यादा जरुरी है
इसलिए आईसीएमआर ने कहा है कि अभी सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग जाए.
मालूम हो कि पश्चिमी देशों में वैक्सीन के बूस्टर डोज को लेकर सरकारें रोज नई घोषणा कर रही है. कुछ देशों ने वैक्सीन के बूस्टर डोज को अपने नागरिकों के लिए उपलब्ध करवाना प्रारंभ कर दिया है.
क्यों उठ रही है Corona Vaccine Booster dose की मांग
ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ देशों में देखा गया कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं. इसलिए कुछ देशों ने वैक्सीन के बूस्टर डोज के लिए कदम आगे बढ़ाया है. बूस्टर डोज का अर्थ है वैक्सीन के निर्धारित डोज के अतिरिक्त दिया गया डोज.
अगर भारत की बात करें तो यहां भी कुछ राज्यों में से बहुतों मामले आ रहे हैं जिसमें वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं.
इसमें अच्छी बात यह है कि वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद संक्रमण होने पर भी गंभीर समस्याएं नहीं उत्पन्न हो रही. ज्यादातर मामले corona के माइल्ड सिम्टम्स के ही आ रहे हैं.
ऐसे में आईसीएमआर का बूस्टर डोज के लिए दिया गया यह बयान अभी भारत के लिए सही लग रहा है. क्योंकि अभी भी भारत की एक बड़ी आबादी को कोविड-19 टीके के दोनों डोज नहीं लगे हैं.