Lakhimpur Khiri आज लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भैया को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार रात्रि मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था. जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मालूम हो की आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भैया से लगभग 12 घंटे की पूछताछ की गई. जिसमें पुलिस का कहना है कि वह पूछताछ में सही जानकारी नहीं दे पा रहे थे. जिस कारण उनकी गिरफ्तारी की गई.
आशीष मिश्रा उर्फ मोनू भैया पर यह आरोप है कि जब किसान आंदोलन कर रहे थे और काले झंडे लेकर विरोध कर रहे थे तो उस समय उन पर थार गाड़ी को चढ़ा दिया गया और इस घटना में मोनू भैया भी शामिल हैं. जबकि मंत्री पुत्र का यह कहना है कि वह इस घटना के वक्त वहां मौजूद नहीं थे.
अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा ने क्राइम ब्रांच के सामने बहुत सारे वीडियो फुटेज दिखाएं जिससे कि यह साबित हो सके कि वह घटना के समय उपस्थित नहीं थे. लेकिन क्राइम ब्रांच उनके इन सबूतों से और बयानों से संतुष्ट नहीं हुआ और उनकी गिरफ्तारी हो गई.
वहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार ने अजय मिश्रा की गिरफ्तारी में बहुत ही देरी की. अगर विपक्ष सरकार पर दबाव नहीं बनाता तो शायद यह गिरफ्तारी संभव नहीं हो पाती. आज किसानों के समर्थन में प्रियंका गांधी वाराणसी में एक रैली को संबोधित करेंगी.
दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत के एक बयान से काफी हंगामा मच रहा है. जिसमें उन्होंने कहा है बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत एक प्रतिक्रिया मात्र थी. खासकर सोशल मीडिया पर लोग जमकर इसका विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि किसी की भी मौत, मौत होती है और उसको प्रतिक्रिया का नाम देना उचित नहीं.
मालूम हो कि लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ- साथ एक पत्रकार और बीजेपी कार्यकर्ताओं की भी मौत हुई है. अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत के पीछे कौन लोग जिम्मेदार हैं. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लाठी-डंडों से पीटा जाना मौत का कारण बताया गया है.
वहीं इस घटना को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कांग्रेसी नेता प्रियंका गांधी और अन्य विपक्षी नेता यह मांग कर रहे हैं कि जितनी जल्द हो सके केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि उनके पद पर रहते हुए जांच की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है.
अगर गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बात करें तो उन पर भी हत्या जैसे संगीन मामले दर्ज हैं. वैसे तो उन्हें निचली अदालत से इस मामले में क्लीन चिट मिल गई थी. लेकिन अभी मामला ऊपरी अदालत में लंबित है. अजय मिश्रा की छवि एक दबंग नेता की है.
अजय मिश्रा ने मात्र 9 साल में ही विधायक से केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर तय किया. इस बात से उनके राजनीतिक रसूख का पता चलता है. अजय मिश्रा पहले विधायक बने और 2014 से अभी तक सांसद हैं. इस साल जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल किया गया तो अजय मिश्रा को गृह राज्य मंत्री बनाया गया है.
अजय मिश्रा को लेकर अभी तक बीजेपी की तरफ से या फिर सरकार की तरफ से कोई विशेष सफाई नहीं आई है यहां तक कि अजय मिश्रा ने घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के नंबर दो कहे जाने वाले अमित शाह से मुलाकात भी की.
इस मुलाकात के बाद अजय मिश्रा ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया. जब वहां पर अजय मिश्रा से उनके बेटे को लेकर सवाल पूछे गए तो वह बिना जवाब दिए ही बाहर निकल गए.
लेकिन कल जब अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा से क्राइम ब्रांच की ऑफिस में पूछताछ जारी थी तो उस समय लखीमपुर खीरी से ही अजय मिश्रा ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर कहा सब कुछ ठीक रहेगा मेरा बेटा निर्दोष है. कार्यकर्ता भी मोनू भैया निर्दोष हैं कि नारे लगा रहे थे.
एक टीवी कार्यक्रम के दौरान जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं होने को लेकर सवाल किया गया था तो योगी ने साफ कहा था कि हम सिर्फ आरोपों के आधार पर ही किसी को गिरफ्तार नहीं करते. हम सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन करते हैं.
जबकि मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी न होने को लेकर सवाल उठाए थे. शायद इस कारण सरकार भारी दबाव में थी और अंततः आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी सुनिश्चित हो पाई.
प्रधानमंत्री मोदी ने भी किसानों की हत्या के बाद किसी भी प्रकार की कोई भी प्रतिक्रिया अभी तक नहीं दी है. यहां यह बताना जरूरी है कि इस निर्मम हत्या कांड के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में एक प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे. इस समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे.