BENGAL ELECTION TMC और BJP की टक्कर में बंगाल ने फिर से दीदी पर भरोसा जताया
बंगाल इलेक्शन की तस्वीरें साफ होती जा रही हैं ममता बनर्जी की TMC एक बार फिर से 212 से भी अधिक सीटों के साथ तीसरी बार सत्ता में वापसी करती हुई नजर आ रही है. अभी तक के रुझानों से यही लग रहा है कि टीएमसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. पिछली बार के मुकाबले तृणमूल कांग्रेस को एक से दो सीटों का फायदा होता दिख रहा है. जबकि BJP को सत्ता तो हासिल नहीं हुई लेकिन सीटों की संख्या के मामले में एक संतोषजनक प्रदर्शन रहा. बीजेपी से TMC को तो कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन कांग्रेस और लेफ्ट को भारी नुकसान पहुंचा है. ऐसा लग रहा है कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाएगी. वहीं लेफ्ट को एक या दो सीटें भी मिल जाए तो बहुत है. नवगठित विधानसभा में अब तक के रुझानों से ऐसा लग रहा है कि बीजेपी प्रमुख विपक्षी पार्टी होगी. मालूम हो कि 2016 में बीजेपी को मात्र 3 सीटें मिली थी.
दलबदलूओं और केंद्रीय मंत्रियों को बंगाल की जनता का करारा जवाब
अब तक के ताजा रुझानों से ऐसा लग रहा है कि दलबदलू और केंद्रीय मंत्रियों को बंगाल की जनता ने नकार दिया है. बाबुल सुप्रियो लॉकेट चटर्जी जैसे बड़े चेहरे भी अपनी अपनी सीटें बचा पाने में शायद ही कामयाब हो पाएंं. अभी के रूझानों से तो ऐसा ही लग रहा है कि लगभग 12 दलबदलू प्रत्याशियों को बंगाल की जनता ने नकार दिया है.वहीं जहां मतगणना के शुरुआती रुझानों में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी अपने पुराने सहयोगी शुभेंदु अधिकारी से पिछड़ती नजर आ रही थीं लेकिन अब ममता ने एक अच्छी बढ़त बना ली है. लेकिन अभी भी कुछ कहा नहीं जा सकता है क्योंकि नंदीग्राम का संग्राम अभी बाकी है.
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का BJP के लिए double-digit वाला बयान..
कभी मोदी को चुनाव जिताने वाले प्रशांत किशोर जो कि आज टीएमसी के तारणहार बनकर सामने आए हैं उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि बीजेपी डबल डिजिट को क्रॉस नहीं कर पाएगी और शायद अब तक के रुझानों से ऐसा ही लग रहा है. लेकिन बीजेपी के इस प्रदर्शन को बहुत बुरा नहीं कहा जा सकता और ना हीं इसे बहुत उम्दा ही कहा जा सकता है. क्योंकि इस चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी सारी ताकत झोंक दी थी. बीच में तो ऐसा लगने लगा था कि कहीं ऐसा ना हो की ममता की टीएमसी इस बार बीजेपी से बहुत पीछे छूट जाए. लेकिन बंगाल की जनता ने फिर से एक बार दीदी पर भरोसा जताकर यह साबित कर दिया है कि बंगाल में “ओ दीदी ओ दीदी” नहीं बल्कि बंगाल में सिर्फ “दीदी ही दीदी” का नारा चलेगा.
बंगाल के परिणामों से ऐसा लगता है सारे EXIT POLL फेल हो गए हैं, हिंदू मुस्लिम राजनीति से ऊपर उठकर लोगों ने किया मतदान..
बंगाल में चुनाव के बाद एग्जिट पोल के अनुमानों से ऐसा लगने लगा था कि ममता बनर्जी की यहां सरकार तो बनेगी लेकिन बीजेपी को जबरदस्त फायदा होगा. कुछ एग्जिट पोल ने तो यहां बीजेपी को सत्ता के बहुत करीब बता दिया था. वहीं ममता बनर्जी को 145 से 165 सीटों के बीच दिखाया जा रहा था. लेकिन आज आए चुनावी परिणामों से ऐसा लगता है कि सभी चुनावी पंडितों की भविष्यवाणी गलत साबित हुई और ममता बनर्जी ने बंगाली अस्मिता का जो कार्ड खेला था वह सफल हो गया.वहीं भगवा पार्टी बीजेपी कि हिंदू-मुस्लिम राजनीति कोई चमत्कार नहीं दिखा पाई.
इस चुनाव परिणाम से एक बार फिर से यह साबित हो गया बंगाली बंधु बंगाली अस्मिता के सामने किसी और मुद्दे को कोई तवज्जो नहीं देते. अभी तक के रुझानों से ऐसा लग रहा है कि तृणमूल कांग्रेस को 212 से लेकर 214 सीटें आ सकती हैं और बीजेपी को 78 से 80 सीट तक लाने में कामयाबी हासिल हो सकती है. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में पहले यह खबर आई की नंदीग्राम के संग्राम में ममता बनर्जी ने जीत दर्ज कर ली है और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी शुभेंदु अधिकारी को एक जबरदस्त कांटे की टक्कर में 1200 वोटों से पराजित कर दिया है लेकिन बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अभी ताजा बयान में कहा है कि ममता बनर्जी चुनाव हार गई हैं उनको शुभेंदु अधिकारी ने 1600 से अधिक मतों से पराजित कर दिया है. चुनाव आयोग की साइट पर भी ममता बनर्जी को 9 हजार से अधिक मतों से पीछे दिखाया जा रहा है. वैसे अभी आधिकारिक तौर पर कोई घोषणा नहीं हुई है.
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