असम में तीसरे और अंतिम चरण की वोटिंग 6 अप्रैल को होगी जिसमें 40 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे इसका अर्थ यह है कि उम्मीदवारों के पास अब प्रचार करने के लिए अधिक वक्त नहीं है क्योंकि मतदान शुरू होने के 48 घंटे पहले ही चुनाव प्रचार को आदर्श आचार संहिता के पालन हेतु बंद करा दिया जाता है.
असम में बीजेपी के नेता और वर्तमान असम सरकार में मंत्री हेमंत विस्व सरमा को चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता उल्लघंन के मामले में दोषी पाया था और इस कारण उन पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया गया था.
लेकिन आज चुनाव आयोग ने अपने एक निर्णय में 48 घंटे की अवधि को 24 घंटे कम कर दिया है.मालूम हो कि रविवार 4 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह हेमंत सरमा के पक्ष में उनके विधानसभा में रोड शो करने वाले हैं.
अगर चुनाव आयोग सरमा पर लगी रोक की सीमा को कम नहीं करता तो हेमंत सरमा गृह मंत्री अमित शाह के साथ रोड शो में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाते.इस कारण हेमंत के लिए ये राहत भरी खबर है.
यहां यह बताना जरूरी है कि चुनाव आयोग ने जो 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया था उसके अंतर्गत हेमंत सरमा ना तो किसी रैली में भाग ले सकते थे ना ही किसी को साक्षात्कार दे सकते थे चाहे वह इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो या सोशल मीडिया और ना ही किसी जनसभा रोड शो या जुलूस का हिस्सा बन सकते थे.
रोक की अवधि कम हो जाने से अब हेमंत सरमा गृह मंत्री के साथ रोड शो में हिस्सा ले सकते हैं.
आखिर क्या था मामला जिस कारण हेमंत शर्मा पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया गया था
बी पी एफ यानी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट जो कि असम में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है उसके प्रमुख हाग्रामा मोहिलेरी पर कथित रूप से हेमंत सरमा ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिस कारण कांग्रेस ने चुनाव आयोग को एक शिकायत पत्र दिया उसके बाद चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर शर्मा से जवाब मांगा था.
सरमा ने जवाब भी दिया लेकिन जवाब से चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं हुआ और 48 घंटे के लिए हेमंत सरमा के चुनाव प्रचार करने पर पर रोक लगा दी थी.