दिल्ली हाईकोर्ट के 2 जजों की खंडपीठ ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार को निर्देश दिया है कि अब किसी भी Covid19 पेशेंट के घर के बाहर किसी भी प्रकार के पोस्टर या नोटिस को नहीं चिपकाया जाएगा। इनकी जानकारी RWA से भी साझा नहीं की जाए। किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी ऐसी जानकारी को नहीं साझा किया जाए। जो याचिका दायर की गई थी उसके अनुसार, इससे अनुच्छेद 19 में दिए गए निजता के अधिकार (right to privacy) का उल्लंघन होता है। किसी भी व्यक्ति को गरिमा पूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। पोस्टर या बैनर लग जाने के बाद वह व्यक्ति या समूह अपने आप को बीमार कम और तिरस्कृत ज्यादा महसूस करने लगता है। इससे उसे सामाजिक दूरी नहीं बल्कि सामाजिक बहिष्कार का डर सताने लगता है। किसी भी सभ्य समाज में किसी भी बीमार व्यक्ति या समूह के साथ इस प्रकार के व्यवहार को स्वीकार नहीं किया जा सकता। कोरोना एक बीमारी है ना कि एक सामाजिक कलंक। हाईकोर्ट के निर्देश के आलोक में दिल्ली सरकार ने भी अपने सर्कुलर में कहा है कि अब किसी भी घर के बाहर कोई पोस्टर या नोटिस नहीं चिपकाया जाएगा और साथ ही साथ जहां पोस्टर चिपकाए गए हैं उनको यथाशीघ्र हटा लिया जाएगा। लेकिन इस आदेश के बाद दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी और बढ़ जाएगी। क्योंकि दिल्ली में एक बार फिर से कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
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