Tamil Nadu Senthil Balaji Big Breaking: तमिलनाडु में टला संंवैधानिक संकट राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने के फैसले को लिया वापस जानिए राज्यपाल के अधिकार
Tamil Nadu Senthil Balaji Stay On Dismissal: तमिलनाडु में मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्री पद से हटाने के राज्यपाल(Tamil Nadu Governor) के फैसले से उत्पन्न विवाद अब थमने के आसार हैं. क्योंकि राज्यपाल ने अपने फैसले को वापस ले लिया है. राजभवन से जारी नोट में ये कहा गया है कि मंत्री सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने के फैसले को वापस ले लिया गया.
यहां यह बताना जरूरी है कि भारत के संविधान(Indian Constitution) में राज्यपाल राज्य सरकार का संवैधानिक प्रमुख होता है लेकिन वास्तविक रुप से सरकार का प्रमुख मुख्यमंत्री(CM) होता है और कुछ विशेष मौकों के अलावे राज्यपाल को मंत्रीपरिषद की सलाह पर काम करना होता है.अगर बात मंत्रियों की नियुक्ति की करें तो इसमें राज्यपाल अपनी मनमानी नहीं कर सकते हैं यहां उन्हें मुख्यमंत्री की सलाह पर काम करना होता है इसके लिए संविधान में स्पष्ट प्रावधान है.
तमिलनाडु का जो वर्तमान घटनाक्रम है उसमें राज्यपाल ने अपनी मर्जी से सेंथिल बालाजी को मंत्री पद से हटाने का निर्णय लिया. जिसे किसी भी प्रकार से सही नहीं ठहराया जा सकता, ऐसा कई संविधान जानकारों का मत है. जांनकारों का कहना है कि अगर मंत्री को पद से हटाने का निर्णय राज्यपाल अपनी मर्जी से करने लग गये तो यह एक संवैधानिक संकट की स्थिति होगी और इससे अराजकता का माहौल पैदा हो सकता है साथ ही इससे राज्यपाल के पद और कार्यों को लेकर भी गलत संदेश जा सकता है.
तमिलनाडु में हुए राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच इस विवाद पर संविधान के जानकारों का स्पष्ट कहना है कि किसी मंत्री को अपने मंत्रीमंडल में शामिल करना या हटाना किसी मुख्यमंत्री के विवेक पर निर्भर करता है हाँ यहां ये आवश्यक है कि मुख्यमंत्री इस संबंध में जो निर्णय ले उसकी मंजूरी राज्यपाल से लेना अनिवार्य है ना कि कोई राज्यपाल खुद किसी मंत्री को नियुक्त करे या हटा दे और बाद में इसकी सूचना मुख्यमंत्री को दे जैसा कि तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी(Senthil Balaji) के संबंध हुआ.