Atiq Ahmed Convicted in Umesh pal Case: अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण मामले में सजा की घोषणा उम्र भर रहना होगा सलाखों के पीछे MP MLA Court द्वारा उम्र कैद की सजा का ऐलान होते ही माफिया अतीक अहमद के छलके आंसू
चर्चित उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद(Atiq Ahmed) को एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा सजा की घोषणा हो चुकी है.आज प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट ने अतीक अहमद सहित तीन लोगों को उमेश पाल अपहरण मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई है. वहीं इस मामले में 7 लोगों को बरी कर दिया गया जिसमें अतीक अहमद का भाई भी शामिल है.
Atiq Ahmed Reaction After Conviction: अतीक अहमद और उसके भाई के आंसू छलक पड़े
जैसे ही सजा की घोषणा हुई अतीक अहमद और उसके भाई के आंसू छलक पड़े. पहले तो यह लग रहा था कि अतीक अहमद के भाई को भी सजा मिलेगी लेकिन कोर्ट द्वारा उसे दोषमुक्त करार दिया गया. वहीं कोर्ट रूम के बाहर वकील समेत आम लोग अतीक अहमद को फांसी दो के नारे लगा रहे थे.
जिन तीन लोगों को अतीक अहमद के साथ-साथ उम्र कैद की सजा सुनाई गई है उसमें अतीक अहमद का वकील(Atiq Ahmed’s Lawyer) और एरिया का कॉरपोरेटर दिनेश पासी भी शामिल है. लेकिन अभी यह सजा MP/MLA कोर्ट द्वारा सुनाई गई है निश्चित तौर पर अतीक अहमद इस सजा को निलंबित कराने के लिए ऊपरी अदालतों का दरवाजा खटखटाएगा. अब देखना यह है कि अतीक अहमद को ऊपरी अदालतों से राहत मिलती है या फिर उसकी सजा बरकरार रहती है.
Umesh Pal के परिवार वाले अभी भी Atiq Ahmed से डरे हुए हैं
वहीं उमेश पाल के परिवार(Umesh Pal Family) वालों का कहना है कि अतीक अहमद को फांसी की सजा होनी चाहिए क्योंकि जब तक वह जीवित है वह लोग दहशत में रहने के लिए मजबूर हैं. अतीक अहमद एक जमाने में प्रयागराज के लिए आतंक का पर्याय था. उसके नाम से आम आदमी तो आम आदमी पुलिस भी थरथर करती थी. लेकिन यूपी में सत्ता परिवर्तन(मायावती के सत्ता में आने के बाद) के बाद अतीक अहमद के दिन खराब होने लगे और आज आलम यह है कि अतीक अहमद अपनी जान की भीख मांगने के लिए अदालतों में गुहार लगा रहा है.
अतीक अहमद(Atiq Ahmed) यात्रा के दौरान बेहद ही डरा हुआ था
जब अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज लाया जा रहा था तो उसे और उसके परिवार वालों को यह संदेह था कि कहीं रास्ते में उसका एनकाउंटर ना हो जाए. जिस गाड़ी में अतीक अहमद आ रहा था उसके ड्राइवर ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में यह बतलाया कि अपने जीवन में उसने इतनी लंबी दूरी तक और इतनी रफ्तार से गाड़ी नहीं चलाई. उसका कहना था कि 24 घंटे के अंदर-अंदर वे लोग साबरमती से प्रयागराज आए. ड्राइवर का यह भी कहना था कि अतीक अहमद यात्रा के दौरान बेहद ही डरा हुआ था. जब भी कहीं गाड़ी रुकती थी वह चौक जाता था.
एक बार जब गाड़ी के सामने एक गाय आ गई तो ड्राइवर ने गाय को बचाने के लिए ब्रेक लगाया ब्रेक लगाने के बाद अतीक अहमद को लगा जैसे कि उसके साथ कुछ होने वाला है और वह हड़बड़ा कर बैठ गया लेकिन जब उसे पता चला कि ऐसा कुछ भी नहीं है तब उसने राहत की सांस ली अतीक अहमद और उसके भाई को इलाहाबाद के नैनी सेंट्रल जेल में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कल रात रखा गया था.
आज भी जब कोर्ट में अतीक अहमद की पेशी होनी थी तो उसके साथ 3 दर्जन से भी अधिक सुरक्षाकर्मी मौजूद थे अतीक अहमद की सुरक्षा को देखते हुए और किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरे कोर्ट पर सब को अवैध किले में तब्दील कर दिया गया था. अतीक अहमद की गाड़ी जिससे कि उसे कोर्ट तक लाया गया काफिले में सबसे पीछे थी. मीडिया और सुरक्षा को देखते हुए जेल से पहले एक खाली गाड़ी को कोर्ट की तरफ भेजा गया. जिससे कि मीडिया का ध्यान भटका जा सके लेकिन हजारों की संख्या में मीडियाकर्मी अतीक अहमद के काफिले के पीछे लगे रहे.
बताते चलें कि अतीक अहमद को जिस उमेश पाल अपहरण मामले में आज सजा सुनाई गई है. मामला साल 2006 का है. उमेश पाल पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह था. वह कोर्ट में जाकर गवाही ना दे इसके लिए उसका अपहरण कर लिया गया था और उसे काफी यातनाएं दी गई थी.