Rahul Gandhi Defamation Case: मानहानि मामले में राहुल गांधी को 2 साल की सजा मोदी सरनेम को लेकर दिया था बयान राहुल गांधी की सदस्यता को लेकर भी उठ रहे हैं सवाल
आज गुजरात की एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि मामले(Rahul Gandhi Defamation Case) में सजा सुना दी है. राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई गई है. राहुल गांधी ने एक भाषण के दौरान मोदी सरनेम को लेकर कहा था कि राहुल गांधी ने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों.
पूर्णेश मोदी ने राहुल पर दर्ज काराया था मुकदमा: इस भाषण के बाद राहुल गांधी पर केस दर्ज हो गया था. केस दर्ज कराने वाले सूरत पश्चिम के विधायक पूर्णेश मोदी थे. पूर्णेश मोदी ने केस दर्ज कराने के दौरान यह तर्क दिया था कि राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर जो बातें कही है उससे पूरे मोदी समाज की भावनाएं आहत हुई है.
राहुल गांधी पर मानहानि का यह मामला 2019 से चल रहा था. 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि आखिर क्या बात है कि चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों है. उन्होंने इस दौरान ललित मोदी और नीरव मोदी का नाम लिया था. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी नाम लिया था.
सजा में रियायत की बात करें तो राहुल गांधी के वकीलों ने इस संबंध में अदालत से किसी रियायत की मांग नहीं की. अच्छा यह रहा कि अदालत ने उन्हें इस मामले में जमानत भी दे दी है. राहुल गांधी ने अपने बचाव में यह कहा था कि मैंने जो बयान दिया है उसमें मेरी यह कभी भावना नहीं रही की किसी खास समुदाय की भावनाओं को आहत करूं. उनका कहना था कि मैंने नरेंद्र मोदी को इंगित कर बयान दिया था और देश में फैल रहे भ्रष्टाचार की बात की थी.
अब बात आती है कि क्या राहुल गांधी की सांसद सदस्यता जा सकती हैं या नहीं तो इसमें यह जानना जरूरी है कि विधायकों और सांसदों की सदस्यता कब जाती है. बताते चलें कि अगर किसी भी विधायक या सांसद को 2 साल या 2 साल से अधिक की सजा होती है तो उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाती है. साथ ही अगले 6 सालों तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी जाती है. अब देखना यह है कि अदालत द्वारा जिस मानहानी के मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराया गया है और दो साल की सजा सुनाई गई है उसको लेकर लोकसभा का क्या निर्णय होता है. अभी हाल में ही एक निचली अदालत द्वारा आजम खान को सजा मिलने के बाद आजम खान की सदस्यता चली गई थी.