Hathras Gangrape Case Sandeep Thakur convicted: हाथरस कांड के आरोपियों को लेकर कोर्ट का बड़ा फैसला तीन आरोपियों को किया आरोप मुक्त संदीप ठाकुर पर गैर इरादतन हत्या के आरोप में दोषी लेकिन नहीं साबित हुआ किसी पर बलात्कार का आरोप..
हाथरस गैंग रेप कांड(Hathras Gang Rape Case) में आज कोर्ट का फैसला आ गया है. इस मामले में आरोपी बनाए गए 4 लोगों में से तीन को कोर्ट ने बरी कर दिया है. जबकि एक आरोपी जिसका नाम संदीप ठाकुर(Sandeep Thakur)) है उस पर गैर इरादतन हत्या का आरोप साबित हुआ है. उसे सजा सुनाई जाएगी. बताते चलें कि Hathras बलात्कार कांड में पकड़े गए किसी भी आरोपी पर बलात्कार(Rape) का मामला साबित नहीं हुआ.
हाथरस कांड ने अखबारों टीवी मीडिया चैनलों में काफी सुर्खियां बटोरी थी और इस मामले को लेकर सरकार की भी काफी किरकिरी हुई थी. लेकिन आज कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित पक्ष खुश नहीं है. पीड़ित पक्ष के वकील का कहना है कि कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है हम उससे संतुष्ट नहीं हैं और कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे.
अब देखना यह है कि 4 में से एक आरोपी संदीप ठाकुर(Sandeep Thaskur Hathras Kand) को जिस पर गैर इरादतन हत्या का आरोप साबित हुआ है साथ ही वह SC/ST Act में भी दोषी पाया गया है उसको कोर्ट सजा के रूप में क्या फैसला देती है. आज जब यह मामला कोर्ट के सामने आया उससे पहले ही कोर्ट परिसर और कोर्ट परिसर के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए थे.किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए भारी सुरक्षा बल(Security Forces) तैनात किए गए थे.
बताते चलें कि हाथरस कांड(Hatras Kand Date) 14 सितंबर 2020 को हुआ था. जिसमें एक दलित युवती के साथ गैंगरेप(Gangrape) का मामला उजागर हुआ था और गैंग रेप करने का आरोप गांव के ही चार युवकों पर लगा था. युवक उच्च जाति(Upper Cast) से आते थे जबकि पीड़िता दलित समुदाय से नाता रखती थी.
इस घटना में युवती बुरी तरह घायल हो गई थी और युवती को पहले तो जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां मामला बिगड़ने के बाद उसे अलीगढ़ लाया गया लेकिन अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज(Aligarh Medical College and Hospital) में भी मामला नहीं संभलने पर उसे दिल्ली सफदरजंग अस्पताल(Safdarjung Hospital) भेज दिया गया. लेकिन 29 सितंबर को युवती ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
युवती के अंतिम संस्कार(Funeral) को लेकर भी काफी हो हंगामा मचा था.UP पुलिस पर ऐसे आरोप लगे थे कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने रात के अंधेरे में जबरदस्ती पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया था और इसमें उसके परिवार वालों को भी जबरदस्ती शामिल किया गया. जैसे ही अंतिम संस्कार का वीडियो(Funeral Video) सोशल मीडिया पर वायरल हुआ लोगों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. Hathras मामला इतना बढ़ा की पुलिस कप्तान(SP) सहित कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया. इस मामले की गंभीरता से जांच हो सके इसके लिए इस मामले को सीबीआई(Hathras Case CBI) को सौंप दिया गया.
CBI ने Hathras मामले में 2 महीने से भी अधिक दिनों तक जांच की और 67 दिनों की जांच के बाद चारों आरोपियों जिनका नाम युवती ने अपने इकबालिया बयान में लिया था संदीप ठाकुर, लवकुश सिंह, रामू सिंह और रवि सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर की.
ऐसा कम ही देखा जाता है कि जब कोई पीड़िता खुद अपना बयान देती हो और उसकी मृत्यु हो जाती हो तो ऐसी अवस्था में इस प्रकार से आरोपी बरी होते हों और साथ ही आरोपियों पर बलात्कार का आरोप भी साबित नहीं होता हो. लेकिन अदालत के द्वारा दिया गए फैसले को मानना कानूनी रूप से जरूरी है लेकिन अभी यह फैसला अंतिम नहीं है क्योंकि इसके ऊपर और भी अदालतें हैं और पीड़िता को न्याय मिलेगा. ऐसा हाथरस गैंगरेप पीड़िता के वकील का कहना है.