Gujrat Liquor Poisoning Case Update: गुजरात में जहरीली शराब का कोहराम आधा दर्जन से अधिक लोगों की गई जान, साल 2017 में गुजरात सरकार ने शराबबंदी कानून में किया था संसोधन, सख्त किए गए थे प्रावधान
गुजरात से जहरीली शराब(Gujrat Liquor Poisoning) पीने और उससे मौत की खबर सामने आई है. इस खबर के सामने आने के बाद गुजरात सरकार की शराबबंदी(Gujrat Liquor Ban Policy) से जुड़ी कानून व्यवस्था पर उंगलियां उठने लगी हैं.
मालूम हो कि जहरीली शराब पीने से गुजरात में अब तक एक ही गांव के 8 लोगों (People died due to Liquor Poisoning in Gujrat) की मृत्यु की बात सामने आई थी लेकिन अब यह आंकड़ा बढ़कर 29 हो गया है जिसमेंंआस पास के अन्य गांव के लोग भी शामिल हैं. 30 लोगों का अभी इलाज चल रहा है. बीमार लोगों में से कई लोगों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है.
इन सबके बीच सवाल यह उठता है कि आखिर पूर्ण शराबबंदी वाले राज्य गुजरात में शराब की अवैध बिक्री कैसे हो रही है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि बिना पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के यह काम नहीं हो सकता. गौरतलब है कि गुजरात सरकार ने साल 2017 में शराबबंदी को और कारगर बनाने के लिए सख्त कदम उठाए थे और शराब बंदी कानून में संशोधन किया था. इस संशोधन द्वारा शराब बिक्री करने वाले पर जुर्माना 500000 तक कर दिया गया था साथ ही 10 साल सजा का भी प्रावधान किया गया था.
हैरत की बात यह है कि गुजरात में शराबबंदी कानून को सख्त बनाए जाने के बाद भी इस प्रकार से अवैध शराब की बिक्री की जा रही है जो की चिंता का विषय है. जहरीली शराब की घटना गुजरात के बोटाद जिले के रोजिद गांव की है. सभी मृतक इसी गांव के हैं.
गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव(Gujrat Election) होने वाले हैं और इस कारण शराब बंदी पर सरकार की असफलता को लेकर विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बना सकता है.इसे संयोग ही कहेंगे कि भारत के 2 बड़े राज्य जहां पूर्ण शराब बंदी लागू है वहां बीजेपी की ही सरकार है.
बिहार में भी पूर्ण शराबबंदी का कानून लागू है. लेकिन वहां भी आए दिन शराब की अवैध बिक्री के मामले उजागर होते रहते हैं. जहां गुजरात में शराबबंदी को लेकर साल 2017 में नियमों को सख्त किया गया था तो वहीं बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने जो कि बीजेपी के साथ गठबंधन में सरकार चला रहे हैं साल 2022 में नियमों में ढील दे दी गई. अब बिहार में शराब पीने वालों को (पहली बार पकड़ाने पर) जुर्माना लगाकर छोड़ने का प्रावधान कर दिया गया है. इससे पहले शराबियों को सीधे जेल भेज दिया जाता था.