72 Hoorain Trailer: 72 हूरें फिल्म पर सेंसर बोर्ड की सख़्ती पर उठ रहे हैं सवाल फिल्म पर आपत्ति नहीं तो ट्रेलर पर क्यों 7 जुलाई को सिनेमाघरों में होगी रिलीज
72 Hoorain Trailer Controversy: 72 हूरें फिल्म का आज ट्रेलर लांच हो गया. लेकिन जैसा कि 72 Hoorain Movie के मेकर्स चाहते थे वैसा नहीं हो पाया. फिल्म बनाने वालों ने इस फिल्म के ट्रेलर को सिनेमाघर में रिलीज करने की योजना बनाई थी. लेकिन इनकी योजना धरी की धरी रह गई और सेंसर बोर्ड ने इसकी मंजूरी नहीं दी.
सेंसर बोर्ड द्वारा 72 हूरें फिल्म के ट्रेलर को सिनेमाघरों में रिलीज नहीं करने देने के कारण अब विवाद बढ़ता जा रहा है. फिल्म से जुड़े लोगों खासकर फिल्म के सह निर्माता अशोक पंडित ने तो फिल्म के ट्रेलर को सिनेमाघरों में नहीं दिखाई जाने को लेकर सीधे-सीधे सेंसर बोर्ड के मुखिया प्रसून जोशी पर निशाना साधा है.
अशोक पंडित ने कहा है कि जब पूरी फिल्म को थियेटर में रिलीज करने की अनुमति मिल गई है, सेंसर बोर्ड ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है तो फिर ट्रेलर को लेकर इस प्रकार के व्यवहार किए जाने पर हम स्तब्ध हैं. आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि पूरी फिल्म के लिए अलग नियम हो और ट्रेलर के लिए अलग.
72 Hoorain Release Date: बताते चलें कि 72 हूरें फिल्म 7 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है. इस फिल्म का निर्माण गुलाब सिंह तंवर ने किया है. वही इस फिल्म के सह निर्माता अनिल तंवर, किरण डागर और अशोक पंडित है. इस फिल्म को निर्देशित किया है मशहूर निर्देशक दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पूरन सिंह चौहान ने.
72 Hoorain Movie Story: इस फिल्म की कहानी की बात करें तो अभी तक जो चीजें सामने आई हैं उससे तो यह साफ जाहिर है कि कहानी कुछ नई नहीं है. हां कहानी को पेश करने का तरीका नया हो सकता है जो कि पूरी फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा. कहानी सीधे तौर पर उन भटके हुए युवकों की है जिनको धर्म के नाम पर बरगलाया जाता है और उनसे आत्मघाती हमले तक करवाए जाते हैं.
कई लोग तो यह कह रहे हैं कि यह फिल्म केरला स्टोरी की तरह ही होगी. मालूम हो कि केरला स्टोरी ने सभी फिल्म क्रिटिक को गलत साबित करते हुए अप्रत्याशित सफलता हासिल की थी. इस फिल्म पर काफी विवाद भी हुआ लेकिन सभी विवादों को दरकिनार करते हुए फिल्म में बंपर कमाई की.
अब देखना यह है कि 72 हूरें फिल्म पर्दे पर कैसा कमाल करती है. वैसे इस फिल्म को इस्लामोफोबिया से जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन फिल्म के निर्माताओं और फिल्म से जुड़े लोगों का कहना है कि यह फिल्म किसी भी धर्म मजहब को गलत साबित करने के लिए नहीं बनाई गई है बल्कि इस फिल्म में समाज की सच्चाई बयां की गई है और जो बुराइयां है उसे बखूबी दिखाया गया है.
इस फ़िल्म पर सेंसर बोर्ड ने कई जगह कैंची भी चलाई है. कई संवाद को हटाने की भी बात कही जा रही है. वहीं एक जगह कुरान से जुड़े शब्द को भी हटाया गया है. इस फिल्म के ट्रेलर को देखने के बाद यह तो एहसास हो ही गया है कि इस फिल्म में खून खराबा मारकाट जैसे दृश्य भरे हुए हैं.
ऐसा नहीं है कि 72 हूरें फिल्म से पहले कोई फिल्म ऐसी नहीं बन जिसमें इस प्रकार की घटनाओं का जिक्र नहीं है. ऐसी फिल्मों की संख्या बड़ी तादाद में है जिसमें भटके हुए युवकों की कहानी है, जिन्हें धर्म के नाम पर बरगलाया जाता है और उन्हें जन्नत के ख्वाब दिखाए जाते हैं कि अगर वह ऐसे कामों को करते हैं तो उन्हें जन्नत नसीब होगी और जन्नत में उन्हें हूरें मिलेंगी.
72 Hoorain Reality:अब आते हैं क्या 72 हूरें फिल्म में जो दृश्य दिखाए गए हैं या फिर जो इस फिल्म की पटकथा है क्या ऐसी घटनाएं सच में होती हैं तो इसका जवाब अगर सीधे-सीधे दिया जाए तो कहा जाएगा हां ऐसे कई घटनाएं हैं जिसमें यह देखा गया कि युवकों को बरगलाया गया कि अगर वह हत्या जैसे जघन्य कार्य को अंजाम देते हैं तो यह उनके लिए जन्नत का रास्ता तैयार करेगा जैसा कि हमने उदयपुर की घटना में भी देखा और हम सब जानते हैं उदयपुर घटना में शामिल आरोपी अब अपने किए पर पचता रहे हैं.
72 Hoorain को लेकर लोगों में जिज्ञासा इसलिए भी है क्योंकि इस फिल्म को निर्देशित करने वाले पूरन सिंह चौहान एक बेहतरीन निर्देशक माने जाते हैं. उन्हें दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. ऐसे में इस फिल्म से यह भी आशा की जा रही है कि यह फिल्म सिर्फ घटनाओं को दिखाकर ही नहीं रहेगी बल्कि समाज में एक सार्थक संदेश भी जारी करेगी कि युवा भटकें नहीं बल्कि सही रास्ता भी अख्तियार करें.